ब्राजील से पूरी दुनिया में धीरे-धीरे फैल रहे कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन यानी वैरिएंट P1 को लेकर एक खतरनाक खुलासा हुआ है. P1 वैरिएंट कोरोना वायरस से ठीक हो चुके लोगों को फिर से संक्रमित कर रहा है. अब साइंटिस्ट्स ये पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि ये आगे चलकर और क्या-क्या नुकसान पहुंचा सकता है. (फोटोः रॉयटर्स)
न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित खबर के अनुसार लोगों ने सालभर कोरोना से संघर्ष करने के बाद दो नए कोरोना वायरसों का नाम सुना. पहला ब्रिटेन में आया B.1.1.7 और दूसरा म्यूटेंट दक्षिण अफ्रीका में आया B.1.351 वैरिएंट. ये दोनों इंसानी शरीर के एंटीबॉडीज और वैक्सीन के असर को कम कर सकते हैं. साथ ही ये दोनों वायरस प्रतिरोधक क्षमता और टीके के असर को धोखा भी दे सकते हैं. (फोटोःगेटी)
अब वैज्ञानिकों की नजर टिक गई है ब्राजील में हुआ कोरोना वायरस म्यूटेशन पर. यह म्यूटेशन अब तक के सभी कोरोना वायरस से खतरनाक है. इसे P1 नाम दिया गया है. इसे दिसंबर के महीने में खोजा गया था. वैज्ञानिकों को ये नहीं पता है कि यह किस तरह से लोगों को प्रभावित करेगा. या कितनी बुरी तरह से संक्रमित कर सकता है. लेकिन इतना तो पुष्ट हो चुका है कि P1 वैरिएंट कोरोना से ठीक हो चुके लोगों को वापस बीमार कर सकता है. (फोटोःगेटी)
ब्रोड इंस्टीट्यूट के एपिडेमियोलॉजिस्ट ब्रॉनविन मैकइनिस ने बताया कि P1 वैरिएंट को लेकर उनकी सांसें अटकी हुई हैं. अब वैज्ञानिक ये पता कर रहे हैं कि ब्राजील के अमेजन इलाके में स्थित मानॉउस में कैसे P1 वैरिएंट तेजी से फैला. ऐसा माना जा रहा है कि यह मानॉउस शहर में नवंबर में फैला होगा. इसके बाद इसने पूरे शहर को तेजी से अपने चपेट में ले लिया होगा. (फोटोः रॉयटर्स)
ब्रॉनविन ने बताया कि P1 वैरिएंट पुराने कोरोनावायरसों के संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों को वापस से बीमार कर रहा है. इतना ही नहीं, ब्राजील में इस समय चीन द्वारा बनाई गई वैक्सीन का उपयोग हो रहा है. P1 वैरिएंट इस समय इस वैक्सीन की सुरक्षा कवच को भी ध्वस्त कर दे रहा है. लैब में हो रही जांच पड़ताल में कई बार हकीकत में होने वाले बदलावों का पता नहीं चलता. (फोटोः रॉयटर्स)
P1 वैरिएंट अब तेजी से ब्राजील के अन्य हिस्सों में फैल रहा है. इतना ही नहीं इसके मामले दुनिया भर के 24 देशों में सामने आए हैं. सिर्फ अमेरिका में यह पांच राज्यों में मिला है. ये राज्य हैं- अलास्का, फ्लोरिडा, मैरीलैंड, मिनिसोटा और ओक्लाहोमा. (फोटोः रॉयटर्स)
इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन के वायरोलॉजिस्ट नूनो फारिया ने बताया कि P1 के बारे में चिंता करना बेहद जरूरी है. क्योंकि इस पर अभी सिर्फ स्टडी चल रही है. ये कैसे इतनी तेजी से फैल रहा है, शरीर में किस तरह के बदलाव कर रहा है. ये कैसे ठीक होगा, इसका अंदाजा अभी लगा पाना मुश्किल है. (फोटोः रॉयटर्स)
नूनो फारिया ने बताया कि P1 के आउटब्रेक और दोबारा संक्रमण को रोकने के लिए फिलहाल हमें कोरोना संबंधी सभी नियमों को सख्ती से दोगुनी ताकत के साथ लागू करना होगा. मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन बेहद जरूरी है. अब सारी दुनिया में वैक्सीनेशन हो रहा है, इसलिए उम्मीद है कि इस वायरस का संक्रमण बेहद धीमा हो. लेकिन ये किसी भी शख्स को गंभीर स्थिति में पहुंचा सकता है. (फोटोः गेटी)