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कोरोना

'किसी भी तरह कोरोना वैक्सीन हड़पना चाहते हैं ये 3 देश, काम पर लगा दिए हैं जासूस'

aajtak.in
  • 07 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 1:25 PM IST
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अमेरिका की कोरोना वायरस वैक्सीन रिसर्च से जुड़ी जानकारी चुराने के लिए चीन, रूस और ईरान ने अपने खुफिया विभाग को काम पर लगा दिया है. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में ये दावा किया गया है. चीन के खुफिया विभाग के हैकर्स ने यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलीना और अन्य अमेरिकी संस्था से वैक्सीन रिसर्च का डेटा चुराने की कोशिश की है.

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हैकर्स यूनिवर्सिटी के सिस्टम को टार्गेट कर रहे हैं क्योंकि दवा कंपनियों के मुकाबले इनके डेटा सिस्टम की सुरक्षा कमजोर है. वहीं, अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि चीन, रूस और ईरान के हैकर्स ने अमेरिका की बायोटेक कंपनियों के सिस्टम पर भी हमला किया है. 
 

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अमेरिका और ब्रिटेन के अधिकारियों के मुताबिक, रूस के खुफिया विभाग S.V.R के जासूसों ने अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी और अन्य संस्थाओं से वैक्सीन रिसर्च का डेटा चुराने की कोशिश की, लेकिन निगरानी सिस्टम ने इन्हें पकड़ लिया.

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जिन अमेरिकी कंपनियों पर डेटा चुराने के लिए हमले हुए हैं उनमें गिलीड साइंसेज, नोवावैक्स, मॉडर्ना शामिल हैं. हालांकि, अब तक किसी भी कंपनी या यूनिवर्सिटी ने डेटा चोरी की पुष्टि नहीं की है, लेकिन कई हैकर्स सिस्टम में कुछ हद तक सेंध लगाने में कामयाब रहे हैं. अब तक हैकर्स की दो टीम को अधिकारियों ने पकड़ा भी है.

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रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान ने भी वैक्सीन रिसर्च की जानकारी चोरी करने के लिए प्रयास तेज कर दिया है. इसकी वजह से जासूसों को पकड़ने के लिए अमेरिका को अपनी गतिविधि बढ़ानी पड़ी है. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि चीनी और रूसी हैकर्स रोज सिस्टम की कमजोरी पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं. 

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