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कोरोना

कोरोना से डरे चीन ने 19 देशों के खिलाफ उठाया ये बड़ा कदम

aajtak.in
  • 09 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 2:09 PM IST
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पूरी दुनिया में कोरोना वायरस फैलाने वाला चीन अब भी इस वायरस के दोबारा हमले से डरा हुआ है. इसके चलते चीन ने दुनिया भर के 19 देशों के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाया है. चीन नहीं चाहता कि इन देशों से उसके यहां कोरोना वापस आए और संक्रमण दोबारा फैले. आइए जानते हैं कि चीन ने इन 19 देशों के खिलाफ क्या कदम उठाया है...

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चीन ने दो दिन पहले दुनिया भर के 19 देशों से खाद्य पदार्थों के आयात पर रोक लगा दी है. चीन इन देशों की 56 कोल्ड चेन फूड कंपनियों से अपने यहां हजारों टन खाद्य पदार्थ मंगवाता था. लेकिन चीन में दोबारा कोरोना वायरस का संक्रमण न फैले इस डर से उसने इन कंपनियों के फूड्स को लेने से मना कर दिया है. 

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चाइना जनरल एडमिनिस्ट्रेश ऑफ कस्टम्स (GAC) ने मंगलवार यानी 8 सितंबर को कहा कि इन 56 कंपनियों में से 41 कंपनियों ने खुद ही चीन को अपने प्रोडक्ट्स न भेजने का सामूहिक फैसला लिया था. इसके बाद चीन की सरकार ने भी इन सबको आयात करने से रोक दिया है. 

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चीन 19 देशों की 56 कंपनियों से फ्रोजन फूड्स मंगवाता है, जिनमें सी-फूड्स, चिकन आदि शामिल हैं. कोल्ड-चेन फूड्स का मतलब होता है कि खाद्य सामग्री रेफ्रिजरेटर में फ्रोजेन रूप में किसी देश भेजा जाए ताकि वह कई दिनों तक सुरक्षित रहे. लेकिन ऐसे खाद्य सामग्रियों में कोरोना वायरस के संक्रमण का डर ज्यादा है. जिससे चीन डरा हुआ है. 

 

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चीन अपने यहां इक्वाडोर से भारी मात्रा में फ्रोजेन झींगा मछली मंगवाता था. हाल ही में इक्वाडोर की झींगा मछली में कोरोना वायरस का संक्रमण पाया गया. ये झींगा खाने से चीन के तटीय शहर डालियान, लियाओनिंग प्रांत और चॉन्गक्विंग शहर में कुछ लोग कोरोना संक्रमित हो गए. जिसके बाद से चीन ने इक्वाडोर की कंपनियों को झींगा भेजने से मना कर दिया है.

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हालांकि, अभी तक ऐसा मामला सामने नहीं आया है जिसमें सी-फूड्स को छूने या उसकी हैंडलिंग से किसी को कोरोना संक्रमण हुआ हो. लेकिन इस वायरस की वजह से समुद्री खाद्य पदार्थों के बाजार को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. चीन में जून महीने में जो दुकानें बंद की गई थीं, अब वो ऑनलाइन अपना बिजनेस कर रही हैं. लेकिन आयात रोकने से इसपर असर पड़ेगा. 

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बीजिंग के एक दुकानदार वू ने बताया कि इससे सी-फूड्स के बिजनेस पर असर तो पड़ेगा. पहले ही लोग डरे हुए हैं. वो खरीदने कम आ रहे थे. अब आयात रोकने से हमारे बिजनेस को काफी नुकसान होगा. लेकिन चाइना एक्वेटिक प्रोडक्ट्स प्रोसेसिंग एंड मार्केटिंग एलायंस के अध्यक्ष कुई ही ने कहा कि आयातित फ्रोजेन प्रोडक्टस के न आने से ज्यादा नुकसान नहीं होगा. अगर कुछ होता भी है तो वह रिकवर हो जाएगा. 

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चीन अपना आर्थिक नुकसान नहीं चाहता. इसलिए GAC ने 7 सितंबर को दुनिया भर के 99 देशों की कंपनियों से 120 वीडियो कॉल के जरिए बात की. इन कंपनियों से कहा गया कि आप अपने उत्पादों की सुरक्षा बढ़ा दें. जिनकी सुरक्षा का स्तर ज्यादा होगा, हम उन्हें आयात की अनुमति दे देंगे. लेकिन स्तर कम हुआ तो कंपनियां आयात नहीं कर पाएंगी. 

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चीन मांस का आयात करने वाला दुनिया का प्रमुख देश है. इस साल के शुरुआती 8 महीनो में उसने 6.58 मिलियन टन मीट मंगवाया है. यह साल 2019 की तुलना में बहुत ज्यादा है. चीन ने पिछले साल 6.17 मिलियन टन मांस आयात किया था. जबकि इस बार यह आंकड़ा आठ महीने में ही आगे जा चुका है. 

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