चीन की फौज यानी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने देश के वैक्सीन विकास कार्यक्रम पर पूरी तरह से नियंत्रण कर लिया है. मौजूदा वक्त में दुनिया भर में मानव ट्रायल्स (Human Trials) के तौर पर 7 वैक्सीन कैंडिडेट्स पर काम चल रहा है. इनमें से 3 अकेले चीन के पास हैं. (फोटोः Getty)
बुधवार को, पाकिस्तानी अख़बारों ने रिपोर्ट किया था कि सिनोफार्म नाम की एक चीनी फार्मा कंपनी ने COVID-19 वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल में शामिल होने के लिए पाकिस्तान के स्वास्थ्य विभाग से संपर्क साधा है. (फोटोः Getty)
पाकिस्तान के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ को भेजी चिट्ठी में इस कंपनी ने प्रस्ताव दिया कि वह पाकिस्तान को COVID-19 वैक्सीन के लॉन्च करने वाले पहले कुछ देशों में से एक बना देगा. (फोटोः Reuters)
दिलचस्प बात यह है कि यह फार्मा कंपनी अभी तक डब्ल्यूएचओ की अहम कैंडिडेट वैक्सीन लिस्ट के तहत लिस्टेड ही नहीं है. ऐसे में प्रस्तावित ट्रायल की सुरक्षा को लेकर शक बढ़ा रहा है. (फोटोः Reuters)
वॉशिंगटन स्थित वुड्रो विल्सन की ग्लोबल फैलो फरहाना इस्पहानी ने इस कदम के पीछे चीन की मंशा पर सवाल उठाया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि मानव गिनी पिग? क्या वो प्रधानमंत्री जिनमें देश की मस्जिदों को बंद करने के लिए अक्ल या इच्छाशक्ति नहीं दिखी, वो चीन को इसके लिए ना कह पाएंगे? (फोटोः AFP)
सामरिक विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी ने भी चीनी प्रस्ताव पर संदेह व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि चीन ने लंबे समय से पाकिस्तान के साथ गिनी पिग जैसा ही बर्ताव किया है. उसने पाकिस्तान को ऐसे हथियार सिस्टम बेचे जिन्हें चीनी सेना में कहीं तैनात नहीं किया गया. या ऐसे हथियार बेचे जो अब पुराने पड़ चुके हैं. (फोटोः AFP)
ब्रह्मा चेलानी ने कहा कि इसके अलावा बिना टेस्ट किए गए न्यूक्लियर रिएक्टर्स भी पाकिस्तान को बेचे गए. अब चीन पाकिस्तान का इस्तेमाल COVID-19 वैक्सीन के ट्रायल के लिए करेगा, ताकि वह बाकी विकसित देशों को पिछाड़ सके. (फोटोः AFP)
17 मार्च को, हॉन्गकॉन्ग ने चीनी फार्मा कंपनी कैनसिनो बायोलॉजिकल को लिस्टेड किया. इस कंपनी के मुताबिक इसके पास चीनी रिसर्चर्स की ओर से विकसित किया जा रहा वैक्सीन कैंडीडेट है. इस प्रोजेक्ट को तिआनजिन यूनिवर्सिटी से जुड़ीं होउ लिहुआ और जानेमाने वैज्ञानिक फेंग्काई झू लीड कर रहे हैं. (फोटोः AFP)
लेकिन ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल्स की आधिकारिक क्लिनिकल लिस्टिंग्स से पता चला कि पीएलए की एकडेमी ऑफ मिलिट्री मेडिकल साइंस इन ट्रायल्स का संचालन करने वाली आधिकारिक संस्था थी. (फोटोः AFP)
चीन के सरकारी ब्रॉडकास्टर की ओर से जारी वीडियो फुटेज में दिखता है कि ट्रायल्स का नेतृत्व मेजर जनरल चेन वेई कर रही हैं. चेन वेई पीएलए की प्रमुख वायरोलॉजिस्ट और देश की जानी-मानी वैज्ञानिक भी हैं. (फोटोः AFP)
अप्रैल के दूसरे हफ्ते में चीन ने घोषणा की है कि वह ह्यूमन ट्रायल का दूसरा चरण शुरू कर रहा है. ऐसा करने वाला वह पहला देश है. ये ट्रायल्स पीएलए के वुहान रेस्ट सेंटर में किए गए. (फोटोः Reuters)
‘वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स’ में तीसरे चीनी वैक्सीन कैंडीडेट को मेजर जनरल चेन वेई के नाम के तहत लिस्टेड किया गया है. इससे पहले चीन की सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर अपने विश्वविद्यालयों से कहा था कि वे नोवेल कोरोनोवायरस से संबंधित अहम रिसर्च स्टडीज को बिना मंजूरी के प्रकाशित नहीं करें. (फोटोः Reuters)