कोरोना वायरस ने पिछले सात महीनों में इंसानों की दुनिया को तबाह करके रख दिया है. ब्रिटेन में पहली बार वायरस ने किसी जानवर को अपना शिकार बनाया है. ब्रिटेन में एक पालतू बिल्ली कोरोना वायरस पॉजीटिव पाई गई है. वेब्रिज की एक लेबोरेटरी में 22 जुलाई को इस पालतू बिल्ली का टेस्ट किया गया था.
रिपोर्ट में मिले साक्ष्यों से पता चला कि यह बिल्ली अपने मालिक के कारण ही
कोरोना वायरस की चपेट में आई थी, जो कुछ दिन पहले ही संक्रमित पाया गया
था. सूत्रों का कहना है कि बिल्ली और परिवार के सभी सदस्य पूरी तरह से
रिकवर हो चुके हैं.
रिपोर्ट में यह भी पुष्टि नहीं हुई कि बिल्ली ने ओनर्स में संक्रमण फैलाया. इसी तरह दूसरे पालतू जानवर भी संक्रमण फैलाने में सक्षम नहीं हैं. चीफ वेटरनरी
ऑफिसर क्रिस्टीन मिडिलमिस ने कहा, 'ये बेहद आश्चर्यजनक है कि ब्रिटेन में पहली बार किसी
जानवर के कोरोना से संक्रमित होने की बात सामने आई है, जो कुछ ही दिनों में
ठीक भी हो गया.'
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'पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड' की मेडिकल डायरेक्टर
य्वोन डॉयल ने कहा कि यह खोज किसी खतरे की घंटी का कारण नहीं होना चाहिए.
उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे घर में पालतू जानवर को हाथ लगाने से
पहले और बाद में साबुन से अच्छी तरह हैंड वॉश करें.
सरकार की तरफ से
जारी बयान में कहा गया कि अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के अनुरूप पशु के
स्वास्थ्य को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन को इस मामले की जानकारी दी
गई है. यूरोप, नॉर्थ अमेरिका और एशियाई देशों में बहुत कम मामले हैं जहां
कोई जानवर संक्रमित पाया गया है.
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'यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लासगो सेंटर
फॉर वायरस रिसर्च' की प्रोफेसर मार्गरेट हॉसी भी उस टीम का हिस्सा थीं,
जिसने बिल्ली के ऊपर ये रिसर्च किया है. उन्होंने बताया कि हॉन्गकॉन्ग,
बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, स्पेन और अमेरिका में ऐसे बहुत कम
मामले देखे गए हैं जब घर में रहने वाले पालतू जानवर भी कोरोना पॉजीटिव
पाए गए हैं.
एक हाई-प्रोफाइल उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि
अप्रैल में न्यूयॉर्क शहर के एक चिड़ियाघर में शेर कोरोना पॉजीटिव पाया गया था. प्रोफेसर होसी ने कहा, सारे सबूत इस ओर इशारा करते हैं कि ब्रिटेन में बिल्ली को अपने मालिकों से ही संक्रमण हुआ होगा जो पहले ही कोरोना पॉजिटिव हो चुके थे. बिल्ली और उसके मालिक दोनों पूरी तरह से रिकवरी कर चुके हैं और घर के बाकी लोगों और जानवरों में वायरस का संक्रमण नहीं फैला है.
यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल के स्वास्थ्य विभाग में
प्रोफेसर एलन रेडफोर्ड ने बताया, 'कोरोना वायरस की सबसे अधिक मार झेलने
वाले इलाकों में तकरीबन 5 प्रतिशत जानवरों को टेस्ट किया गया था. इस दौरान
ऐसे कई जानवर मिले जिन्हें या तो कोरोना हो सकता है या हो चुका था.'