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कोरोना

राजस्थान: कोरोना से मौत के आंकड़े में खेल, धौलपुर मुक्तिधाम में 307 मौतें, सरकारी खाते में सिर्फ 19

उमेश मिश्रा
  • धौलपुर ,
  • 17 जून 2021,
  • अपडेटेड 11:49 AM IST
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कोरोना वायरस की दूसरी लहर में देशभर में हुई मौतों का आंकड़ा काफी अधिक देखने को मिल रहा है. राजस्थान के धौलपुर में जिले के चम्बल मुक्तिधाम सेवा समिति के मुताबिक मार्च से लेकर 15 जून 2021 तक कोरोना से 307 मौतें हुई हैं. मार्च में 53, अप्रैल में 128, मई में 108 और 15 में 18 मौतें हुईं. मुक्तिधाम के मुताबिक पूर्व के महीनों की बात की जाए तो 40 मौत का आंकड़ा रहता था. अप्रैल और मई माह में मौतों का आंकड़ा साढ़े तीन गुना रहा हैं, यह सभी मौतें कोरोना के कारण हुई. कोरोना से दूसरी लहर में कुल 307 मौत हुई पर सरकारी आंकड़ों के मुताबित कोरोना से सिर्फ 19 लोगों की जान गई है.

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वहीं सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक कोरोना की पहली लहर में 29 और दूसरी लहर में 19 मौतें हुई हैं यानी कुल 48 मौतें कोरोना से हुई हैं. कोरोना से हुई मौतों को लेकर राजस्थान की गहलोत सरकार ने मृतकों के परिजनों को मदद करने की घोषणा के आदेश दिए हैं. 

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सरकार के आदेश के बाद अब सिर्फ 48 मृतक के परिवारों को ही आर्थिक सहायता मिलेगी. जिनका नाम रिकॉर्ड में नहीं है उन्हें आर्थिक मदद नहीं मिलेगी. ऐसे में अब उन लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा जिसके परिवार के सदस्य की मौत कोरोना से हुई लेकिन ये सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है. 

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कोरोना की दूसरी लहर जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर बेहद भारी पड़ी है. जिले के विभिन्न स्कूलों व सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले डेढ़ दर्जन से ज्यादा शिक्षकों और कर्मियों की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है. इसमें सबसे ज्यादा अप्रैल महीने में 10, माई में 8 कर्मियों की जान गई. 

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बता दें, मरने वालों में एक सहायक कर्मचारी, दो लिपिक, एक दर्जन शिक्षक और तीन प्रधानाचार्य स्तर के शिक्षा अधिकारी शामिल हैं. कई मृतक कार्मिकों के परिवार बेसहारा हो गए हैं. उनकी पैरवी करने वाला कोई नहीं है. इन परिवारों को सरकारी मदद की दरकार है. जिससे इनकी जिंदगी पटरी पर लौट सके. 

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शिक्षा विभाग के सूत्रों की मानें तो 18 लोगों की मौत कोरोना से अलग अलग अस्पतालों में हुई. इनमें कई मौत कोविड ड्यूटी के दौरान भी हुई है. लेकिन शिक्षा विभाग ने कोविड ड्यूटी में तीन ही कर्मियों की मौत दिखाई है, जबकि 13 कार्मिक ऐसे हैं, जिनकी ड्यूटी कोरोना में नहीं थी और उनकी कोरोना से मौत हुई. कुल मिलाकर 16 लोगों की कोविड से मौत हुई है. 

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सबसे ज्यादा दिलचस्प बात यह है कि कितने शिक्षकों का निधन हुआ है इसकी पुख्ता जानकारी जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अभी तक नहीं है. आजतक ने इन आंकड़ों को जुटाया है. परिजनों की कोशिश है कि शिक्षा विभाग, प्रशासन और सरकार उनको अपने आर्थिक पैकेज में शामिल कर सके और यह तय कर सके कि कर्मचारियों की मौत का कारण कोविड रहा है. 

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शिक्षा विभाग के मृतक कार्मिकों में रामवीर मीणा व्याख्याता खानपुर, लक्ष्मण सिंह लिपिक सीबीईओ धौलपुर, ललित मोहन लिपिक डीईओ माध्यमिक, सतीश वरिष्ठ अध्यापक, राकेश कुमार वरिष्ठ अध्यापक, कैलाश चंद खनेतिया सहायक परियोजना समन्वयक, मुकेश कुमार वरिष्ठ अध्यापक, अंजना सिंह वरिष्ठ अध्यापक, श्याम प्रकाश वर्मा प्रधानाचार्य, शिवकुमार बघेला सहायक कर्मचारी, महेंद्र जोनवाल अध्यापक, कृष्ण बिहारी शर्मा वरिष्ठ अध्यापक, ज्योति तोमर प्रधानाचार्य, विनोद पाराशर शारीरिक शिक्षक,अनिल व्यास व्याख्याता, दिनेश दत्त श्रोतिय वरिष्ठ अध्यापक, रामनरेश शर्मा वरिष्ठ अध्यापक और हेतराम शर्मा अध्यापक के नाम शामिल हैं. 

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शिक्षक नेता राजेश शर्मा ने बताया कि शिक्षा विभाग के 18 कार्मिकों की कोरोना से मौत हो गई. लेकिन शिक्षा विभाग ने इन कार्मिकों के परिवार की कोई ख़ैर खबर नहीं ली है और ना ही मदद के लिए हाथ बढाए हैं. 

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चम्बल मुक्तिधाम सेवा समिति के कोषाध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि मार्च माह में 53, अप्रैल में 128, मई में 108 और 15 जून 2021 तक 18 मौतें हुई हैं. पूर्व के महीनों की बात की जाए तो उनमें हमारे पास 40 मौत का आंकड़ा रहता था. अप्रैल और मई में मौतों का आंकड़ा साढ़े तीन गुना रहा है. यह मौतें कोरोना से हुई हैं.

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