कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में लॉकडाउन 3 मई तक जारी रखने का ऐलान कर दिया है. पीएम मोदी ने मंगलवार को अपने संबोधन में कहा कि यदि भारत ने लॉकडाउन पर तेजी से फैसला न लिया होता तो स्थिति बेहद गंभीर होती. आज भारत कई विकसित देशों की तुलना में कोरोना से बेहतर मुकाबला कर पा रहा है.
पीएम मोदी ने कहा, 'एक महीने पहले जहां कई पश्चिमी देशों की स्थिति तकरीबन भारत जैसी ही थी, वहां भी आज कोरोना पॉजिटिव मामले 25 से 30 गुना ज्यादा बढ़ गए हैं. कोरोना संक्रमण की रफ्तार भारत में कई देशों से काफी कम है. देश में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या भी पश्चिमी देशों से कम है.'
यूनियन हेल्थ मिनिस्ट्री द्वारा पिछले सप्ताह जारी रिपोर्ट बताती है कि देश में कोरोना वायरस के कारण होने वाली मृत्यु दर 3.1 प्रतिशत है. जबकि इस मामले में ज्यादातर विकसित राष्ट्र भारत से आगे हैं.
इटली में कोरोना वायरस से होने वाली मौतों की रफ्तार सबसे ज्यादा है. यहां कोरोना के कारण हुई मौतों की दर 12.72 प्रतिशत है.
इस मामले में ब्रिटेन भी इटली से ज्यादा पीछे नहीं है. कोरोना वायरस के कारण हुई मौतों की दर यहां तकरीबन 12 प्रतिशत है. ब्रिटेन के बाद 9.73 प्रतिशत की दर के साथ स्पेन तीसरे पायदान पर है.
अमेरिका में कोरोना वायरस से मरने वालों की दर केवल 3.4 प्रतिशत है. लेकिन इस देश में संक्रमण की रफ्तार दुनिया में सबसे ज्यादा है. यूएस में अब तक साढ़े 5 लाख से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं जबकि साढ़े 23 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में अब तक हुई कुल मौतों में करीब 63 फीसदी लोग 60 साल से ज्यादा आयु के थे. जबकि मरने वालों में 30 फीसदी की उम्र 40 से 60 साल के बीच थी. 40 वर्ष से कम उम्र की मौत के अब तक सिर्फ 7 प्रतिशत मामले ही सामने आए हैं.
देश में अभी तक कोरोना पॉजिटिव 10,000 से ज्यादा केस दर्ज किए जा चुके हैं. जिनमे से 339 की मौत हुई है. इस महामारी से निपटने के लिए पीए मोदी ने लॉकडाउन के नियमों का और भी सख्ती से पालन करने का आग्रह किया है.