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कोरोना

कोरोना संकट में भी कम नहीं होगा राशन, सरकार ने राज्यों को दी बड़ी राहत

aajtak.in
  • 24 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 8:19 AM IST
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कोरोना वायरस महामारी के फैलाव को देखते हुए देश के अधिकतर हिस्सों में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया है. सरकार की ओर से लोगों को बार-बार घर में रहने की सलाह दी जा रही है. वहीं जहां लोग लापरवाही बरत रहे हैं, वहां पर कर्फ्यू लगा दिया गया है.

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इन हालातों में केंद्र की मोदी सरकार ने राशन का पूरी तरह इंतजाम करने के लिए अहम फैसला लिया है. सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से एक साथ तीन महीने का अनाज उधार पर उठाने की छूट दी है.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ट्वीट कर ये जानकारी दी. बता दें कि राज्य सरकारें राशन की दुकानों के माध्यम से वितरण करने के लिए अनाज उठाती हैं.

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सरकारी आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल सरकार के पास 435 लाख टन खाद्यान्नों के सरप्लस भंडार हैं, जिनमें से 272.19 लाख टन चावल और 162.79 लाख टन गेहूं है.

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मौजूदा समय में, सरकार देश में पांच लाख राशन की दुकानों के माध्यम से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत प्रत्येक लाभार्थी को प्रति माह पांच किलोग्राम सब्सिडी वाले खाद्यान्न की आपूर्ति करती है.

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इससे सरकारी खजाने पर सालाना लगभग 1.4 लाख करोड़ रुपये का खर्च बोझ आता है. बता दें कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत लगभग 75 करोड़ लाभार्थी आते हैं.

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इससे पहले सरकार ने ऐलान किसा था कि सस्ता आनाज पाने के हकदार 75 करोड़ लोगों को छह माह का राशन एक साथ उठाने की छूट दी जाएगी. अभी उन्हें ज्यादा से ज्यादा दो माह का अनाज समय से पहले उठाने की छूट है.

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बहरहाल, सरकार का ये फैसला ऐसे समय में आया है जब लोग  भारत में कोरोना वायरस के डर से घरों में राशन-पानी जुटा रहे हैं. ऐसे लोगों के लिए ये राहत की खबर है.

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