कोरोना वायरस के संक्रमण पर काबू पाने के लिए जम्मू कश्मीर और लद्दाख में भी लॉकडाउन जारी है. इसकी वजह से कश्मीर की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है. पहले 4 अगस्त 2019 में सरकार ने एक एडवाइजरी जारी कर सभी अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को कश्मीर छोड़ने का आदेश दिया था. अब कोविड 19 संक्रमण के फैलने की वजह से कश्मीर को पूरी तरह से लॉकडाउन है. लोगों का काम-धंधा पूरी तरह से चौपट हो चुका है.
(Photo Credit : Rouf A Roshangar)
आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से कश्मीर की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर आ रही थी. लोग समान्य रूप से अपने कामों में जुट गए थे और घाटी में पर्यटकों का आना भी शुरू हो गया था. लेकिन 21 दिनों के इस लॉकडाउन ने कश्मीर को फिर से पीछे की तरफ धकेल दिया. आज लोगों के पास ना काम है और ना जरूरत के हिसाब से पैसे.
(Photo Credit : Rouf A Roshangar)
कश्मीर के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी भी सुरक्षाकर्मी को लॉकडाउन के लिए सख्ती नहीं करनी पड़ रही है. बल्कि लोग समझदारी के साथ लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग नियम का पालन कर रहे हैं. लेकिन जरूरत की चीजों को लेने के लिए लोग आसानी से अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं पर कोरोना वायरस से बचाव के लिए सभी नियमों का ध्यान रख रहे हैं.
(Photo Credit : Rouf A Roshangar)
इस लॉकडाउन में सबसे ज्यादा नुकसान, स्कूल और कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राओं को हो रहा है. क्योंकि लंबे समय से उनकी पढ़ाई ठप पड़ी हुई है. इससे पहले आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद कश्मीर के सभी स्कूल और कॉलेजों को बंद कर दिया गया था. अब कोरोना वायरस की वजह से 21 दिनों का देशव्यापी लॉकडाउन है सभी स्कूल और कॉलेज बंद हैं.
(Photo Credit : Rouf A Roshangar)
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार ने कई कदम उठाए हुए हैं. अब तक इस वायरस के बीमार होने वालों की संख्या 70 है. जिनमें दो की मौत हो चुकी है. दूसरे मुल्कों से आए लोगों को अब 14 दिन क्वारनटीन सेंटर में रखने के बाद अब उन्हें वापस उनके घर भेजा जा रहा है.
(Photo Credit : Rouf A Roshangar)