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कोरोना

भारत में कोरोना मरीजों को लेकर डेटा से सामने आईं ये 5 अहम बातें

aajtak.in
  • 07 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 8:10 AM IST
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भारत में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. एक तरफ जहां सरकार की तरफ से कोरोना वायरस के मरीजों को लेकर कुछ आंकड़े पेश किए गए हैं वहीं कुछ निजी डेटा सेंटर्स ने भी विभिन्न आधार पर कोरोना वायरस के मरीजों का आंकड़ा जारी किया है.

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COVID-19 India Network database कोरोना वायरस पर सरकार के आंकड़ों के अलावा संक्रमित मरीजों के बारे में विस्तृत डेटा बनाता है. जैसे कोरोना वायरस का मरीज कहां का रहने वाला था, किसी दूसरे संक्रमित व्यक्ति से उसका कोई संबंध था या नहीं, उसकी ट्रैवल हिस्ट्री क्या थी और अभी उसकी सेहत कैसी है.

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न्यूज वेबसाइट Mint ने इन ग्रुप के आंकड़ों का विश्‍लेषण किया है, उसके आधार पर भारत में कोरोना वायरस के मरीजों को इन 7 आधार पर बांटा जा सकता है.

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भारत में कोरोना मरीजों का मीडियन 39 साल है जबकि इटली में कोरोना पीड़ितों की मीडियन एज 63 साल थी. दोनों देशों के बीच यह अंतर जनसांख्यिकी आधार पर है. संयुक्त राष्ट्र के जनसांख्यिकी अनुमान के आधार पर 2020 में भारतीय आबादी की औसत उम्र 28 साल है जबकि इटली की आबादी की उम्र 47 साल है.

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इससे पहले  स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दिए गए आंकड़ों में भी कहा गया था कि भारत में कोरोना वायरस के 8.61 फीसदी मामले 0-20 साल, 41.88 फीसदी मामले 21 से 40 साल, 32.82 फीसदी मामले 41 से 60 साल के बीच और 16.69 फीसदी मामले साठ साल के ऊपर के हैं.

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क्राउडसोर्स डेटाबेस में उपलब्ध जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस से मरने वाले भारतीयों की औसत उम्र 57 साल है जबकि इटली में मृतकों की औसत उम्र 80 साल के आसपास है.

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पुरुष मरीजों की संख्या ज्यादा

दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह ही भारत में भी COVID-19 से संक्रमित मरीजों और मरने वालों में ज्यादातर पुरुष ही शामिल हैं.  सरकार ने भी जो आंकड़े जारी किए थे, उसमें भारत में अब तक कोरोना के चपेट में आने वाले 76 फीसदी लोग पुरुष हैं और मृतकों में भी पुरुषों की ही संख्या ज्यादा है.

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ट्रांसमिशन का आधार

202 महिला मरीजों के उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर इनमें से 90 महिलाएं विदेश से लौटी थीं, वहीं 74 महिलाएं ऐसी थीं जिन्होंने विदेश से आए अपने रिश्तेदारों से मुलाकात की थी. अन्य 12 को अपने काम की वजह से ये बीमारी हुई, इनमें से छह महिलाएं डॉक्टर या नर्स के रूप में कार्यरत थीं.

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विदेशों से आए ज्यादातर मामले

ज्यादातर मरीजों की विस्तृत जानकारी ना होने की वजह से इसके कम्युनिटी ट्रांसमिशन के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है. हालांकि उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक कोरोना वायरस के अधिकांश मामले विदेशों से या परिवार के किसी सदस्य या करीबी के संपर्क से ही फैले हैं.

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खराब इम्यून सिस्टम

कोरोना वायरस की वजह से भारत में लॉकडाउन है, इसकी वजह से covid-19 से राहत मिल सकती है.  वायरस का सबसे ज्यादा असर बुजुर्गों पर होता है इसलिए उन्हें बचाकर रखने की जरूरत है. खराब इम्यून सिस्टम वाले लोग भी इसका शिकार हो सकते हैं और दूसरे लोगों में व्यापक रूप से फैला सकते हैं.

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