कोरोना महामारी का पूरी दुनिया में कहर जारी है. अमेरिका में इसने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है. अभी भी वहां मरने वालों कि संख्या लगातार बढ़ रही है. अमेरिका में कोरोना वायरस के अपडेट और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देने के लिए व्हाइट हाउस में दैनिक प्रेस वार्ता भी होती थी, जिसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रेस से बात करते थे और उनके सवालों का जवाब देते थे. इसी बीच अचानक उन्होंने यह प्रेस वार्ता बंद कर दी है. और इसका कारण भी उन्होंने ट्वीट कर बताया है.
(Photo: @WhiteHouse)
दरअसल, शुक्रवार को व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रेस
ब्रीफिंग में किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया. वो वहां पहुंचे तो जरूर
लेकिन बंद कमरे में अधिकारियों के साथ मीटिंग की इसके बाद वहां से बाहर चले
गए. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने प्रेस वार्ता में किसी तरह की बात नहीं की और सवालों का कोई जवाब नहीं दिया.
हालांकि खुद
डोनाल्ड ट्रंप ने इस बारे में चौंकाने वाला कारण बताया. उन्होंने एक ट्वीट
में कहा, 'प्रेस वार्ता का कोई मतलब नहीं है, जब पक्षपाती मीडिया
शत्रुतापूर्ण सवाल छोड़कर और कुछ नहीं पूछता और फिर तथ्यों के साथ रिपोर्ट
नहीं करता. उन्हें इससे रेटिंग्स मिलती है और अमरीकी लोगों को फेक न्यूज के अलावा और कुछ नहीं मिलता है.'
ट्रंप के इस ट्वीट और प्रेस वार्ता
को बंद करना चर्चा का विषय बना हुआ है. विशेषज्ञों का मानना है कि हाल
ही में हुईं कुछ प्रेस वार्ताओं में ट्रंप ने कई ऐसे बयान दिए जो काफी चर्चा
में रहे. इन बयानों से उनके चुनावी कैंपेन को झटका लग सकता है. क्योंकि
अक्सर वे पत्रकारों से उलझ जाते थे और उनके बयानों की खूब आलोचना होती थी.
एक
यह भी तथ्य है कि कोरोना अपडेट को लेकर पिछली कई वार्ताओं में डोनाल्ड
ट्रंप के बयान दुनियाभर में चर्चा में रहे. इसकी वजह से कोरोना पर प्रेस
ब्रीफिंग की बजाय सारा ध्यान ट्रंप के इन बयानों पर केंद्रित हो गया था.
इसलिए इस वार्ता को खत्म करना ही उनके सलाहकारों ने मुनासिब समझा.
पिछले
दिनों कोरोना वायरस के लिए उठाए गए कई कदमों की सूचना देने पर भी ट्रंप के
बयानों पर विवाद पैदा हुआ. उन्होंने संक्रमण ठीक करने के लिए कई अप्रमाणित
और गलत मेडिकल सलाह का हवाला दिया. उन्होंने कोरोना के इलाज के
तौर पर सूरज की किरणों और अन्य कई दवाओं के इस्तेमाल की बात कही. उसने इन
बयानों पर सफाई भी दी गई.
इतना ही नहीं हाल ही में उन्होंने कहा था
कि रोगाणुनाशक का इस्तेमाल कोरोना वायरस के इस्तेमाल में किया जा सकता है.
उनके इस बयान को लेकर भी काफी आलोचना हुई. कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इसे
खारिज भी कर दिया था. हालांकि बाद में डोनाल्ड ट्रंप ने खुद इस पर सफाई दी
कि उन्होंने ऐसा तंज में बोला था.
मालूम हो कि अमेरिका वो देश है
जो कोरोना वायरस महामारी की गिरफ्त में सबसे ज्यादा है. जॉन हॉपकिंग्स
यूनिवर्सिटी के कोरोना ट्रैकर के मुताबिक अमेरिका में कोरोना के कुल
संक्रमित लोगों की संख्या 9 लाख 39 हजार के पार हो गई है, जबकि मरने वालों की संख्या 53 हजार के पार हो गई है. यह आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है.