कोरोना वायरस का कहर सिर्फ इंसानों पर ही नहीं टूटा है. इसका बुरा असर जीव-जंतुओं पर भी पड़ा है. खासतौर से उनपर जो चिड़ियाघरों में बंद हैं. क्योंकि लॉकडाउन की वजह से चिड़ियाघर में इंसान जा नहीं रहे. आमदनी बंद है. जानवरों को खाना क्या खिलाया जाए. इसी तरह से मजबूर एक चिड़ियाघर ने कहा है कि उसे अपने कुछ जानवरों को मारना पड़ेगा ताकि दूसरे जीवों का पेट भर सके. (फोटोः AFP)
ये मामला है जर्मनी की राजधानी बर्लिन में स्थित चिड़ियाघर का है. चिड़ियाघर लॉकडाउन की वजह से बंद है. लोग जा नहीं रहे हैं. आमदनी बंद है. ऐसे में चिड़ियाघर के जीव-जंतु भी आलस में पड़े हैं. खाने की भी किल्लत है. (फोटोः AFP)
चिड़ियाघर की निदेशक वेरेना कसपारी ने कहा कि हमने उन जानवरों की लिस्ट बना ली है, जिन्हें हम सबसे पहले मारेंगे. फिर इनके मांस को चिड़ियाघर के अन्य जीवों को देंगे. ताकि उनकी भूख मिट सके. (फोटोः AFP)
वेरेना कसपारी ने कहा कि हमारे पास पैसों की कमी है. हमने प्रशासन और सरकार से फंड्स मंगवाए हैं. लेकिन फंड्स नहीं मिले या कम मिले तो हमारे पास आखिरी रास्ता वही होगा. यह फैसला तब लागू करेंगे जब हमारे पास कोई चारा नहीं बचेगा. (फोटोः AFP)
वेरेना का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से हमारे चिड़ियाघर को इस स्प्रिंग सीजन में 1.45 करोड़ रुपयों यानी 1.52 लाख पाउंड का नुकसान होगा. (फोटोः AFP)
बड़े जानवरों को खिलाने का खर्च ज्यादा महंगा होता है. पेंग्विंस, सील्स को हर दिन हजारों मछलियां चाहिए होती हैं. इस वजह से चिड़ियाघर की आमदनी का ज्यादातर हिस्सा उधर चला जाता है. (फोटोः AFP)
वेरेना कहती हैं कि अगर जानवरों को भूखे मरने की नौबत आई, तो हमें मजबूरी में कुछ जानवरों को मारना पड़ेगा, ताकि बाकी के जीव-जंतु जीवित रह सकें. (फोटोः AFP)
एक बड़ी समस्या है विटस पोलर बियर की. यह तीन मीटर लंबा है. इतना बड़े आकार के भालू को रखने की सुविधा किसी और चिड़ियाघर में नहीं है. उसके खाने की खुराक भी बहुत ज्यादा है. (फोटोः AFP)
समस्या ये है कि इस चिड़ियाघर का संचालन एक संस्था करती है. यह संस्था गैर-सरकारी है. यह चिड़ियाघर लोगों के दान के पैसों पर संचालित किया जाता है. अब तक तो यहां पैसे की कमी नहीं हुई है लेकिन निकट भविष्य में हो सकती है. (फोटोः AFP)
इस चिड़ियाघर में जानवरों को इंसानों का आना-जाना पसंद था. इंसानों के नहीं आने से ये भी मायूस बैठे हैं. अकेला महसूस कर रहे हैं. यहां के जानवर एक तरह के अवसाद से गुजर रहे हैं. (फोटोः AFP)