कोरोना वायरस की वजह अमेरिका और यूरोप के बच्चों को एक नई मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. इस बीमारी के लक्षण कावासाकी बीमारी जैसे हैं. लेकिन ये उससे गंभीर है. न्यूयॉर्क में 100 बच्चे संदिग्ध रूप से इस बीमारी से पीड़ित हैं. वहीं, 14 साल के एक बच्चे की इस दुर्लभ बीमारी के चलते लंदन में मौत हो गई है. (फोटोः गेटी)
वहीं, इटली के डॉक्टरों ने कोविड-19 और इस नई बीमारी के बीच संबंध खोज लिया है. जबकि, दूसरी तरफ इटली के अस्पतालों ने चेतावनी जारी की है कि इस नई बीमारी की वजह से बच्चों के बीमार पड़ने की दर 30 गुना ज्यादा हो गई है. यह एक दुर्लभ तरह की बीमारी है. (फोटोः AP)
कुछ दिन पहले ही न्यूयॉ़र्क के गर्वनर एंड्रयू क्वोमो ने बताया था कि कोरोना और इस दुर्लभ बीमारी के चलते न्यूयॉर्क में 3 बच्चों की मौत हुई थी. अब एक 14 साल का बच्चा लंदन में इसी बीमारी से मारा गया. (फोटोः AFP)
इटली के लोम्बार्डी के शोधकर्ताओं ने कहा है कि पिछले दो महीनों में यह दुर्लभ बीमारी बढ़कर 30 गुना फैल गई है. रिसर्चर्स ने बताया कि पिछले पांच साल में इस बीमारी की वजह से 19 बच्चे अस्पताल में भर्ती हुए थे. कभी-कभार ही मामले आते थे. (फोटोः AFP)
लेकिन, 18 फरवरी 2020 से लेकर 20 अप्रैल 2020 तक इटली में इस दुर्लभ बीमारी की वजह से 10 बच्चे अस्पताल में भर्ती हो गए. इनमें से 80 फीसदी बच्चों को कोरोना वायरस का संक्रमण भी है. जबकि, 60 फीसदी तो बेहद गंभीर स्थिति में हैं. (फोटोः AFP)
इटली के बेरगामो स्थित पापा जियोवान्नी अस्पताल के अनुसार हर महीने 10 बच्चे कोरोना वायरस के साथ-साथ इस दुर्लभ बीमारी से ग्रसित होकर भर्ती हो रहे हैं. इस अस्पताल के निदेशक डॉ. लोरेंजो डीएंटिगा ने बताया कि ये दुर्लभ बीमारी सीधे तौर पर कोरोना वायरस से जुड़ चुकी है.
डॉ. लोरेंजो डीएंटिगा ने बताया कि कोरोना वायरस के मरीजों में खासतौर से बच्चों में कावासाकी बीमारी के लक्षण मिले हुए हैं. इस बारे में
मेडिकल जर्नल द लैंसेट में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है.
इस रिपोर्ट में साफतौर पर कहा गया है कि कोरोना वायरस और कावासाकी डिजीज जैसी इस दुर्लभ बीमारी का सीधा और मजबूत संबंध है. इस बीमारी से ग्रसित बच्चों का इलाज सिर्फ आईसीयू में ही हो सकता है.
कावासाकी डिजीज जैसी इस नई दुर्लभ बीमारी की वजह से सैकड़ों बच्चे अमेरिका और यूरोपीय देशों में बीमार पड़ चुके हैं. जबकि कुछ बच्चों की मौत भी हो गई है. हैरान करने वाली बात ये है कि ये बीमारी कोरोना वायरस के फैलने के बाद ज्यादा भयावह होती जा रही है. (फोटोः गेटी)