कोरोना वायरस एक शुरुआत है. अगर इंसान सुधरेगा नहीं तो दुनिया का माहौल और बिगड़ेगा. ऐसी संक्रामक महामारियां पूरी दुनिया में कभी भी फैल सकती हैं. हमें इनके लिए पहले से ही तैयारियां रखनी होंगी. ये दावा किया गया है नेचर मैगजीन में प्रकाशित एक लेख में. इस लेख को तैयार करने के लिए नेशनल जियोग्राफिक्स ने मदद की है.
लेख में बताया गया है कि कैसे पालतू जीवों, खाद्य सामग्री और दवाइयों के उपयोग और जंगलों के कम होने से ऐसी संक्रामक महामारियों का प्रकोप दुनिया में तेजी से फैलेगा. क्योंकि हमारी बढ़ती आबादी हमें जंगली जीवों के करीब लेकर जा रही है.
मरीन इकोलॉजिस्ट एनरिक साला ने बताया कि लोगों को यहीं से नए और खतरनाक वायरसों का खतरा बढ़ रहा है. लोग लगातार खतरनाक वायरसों को अपनी जीवन के करीब लेकर आ रहे हैं. ये अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है.
2050 तक पूरी दुनिया की आबादी 200 करोड़ से 970 करोड़ तक और बढ़ सकती है. ऐसे में खाने की किल्लत होगी. लोग जंगली जीवों को खाएंगे. ऐसे में जंगली जीवों से खतरनाक वायरस इंसानो को नुकसान पहुंचाएंगे. (फोटोः जेहाद शोरा)
प्लेनेटरी हेल्थ एलायंस के डॉ. सैम्युएल मायर्स ने बताया कि इंसानों का जंगली जीव-जंतुओं की तरफ जाना बेहद खतरनाक है. हमें नहीं पता कि किस जानवर के शरीर में किस तरह के वायरस या घातक बैक्टीरिया हैं. ये पूरी इंसानियत को बीमार कर सकते हैं. (फोटोः जेहाद शोरा)
संक्रामक रोगों के विशेषज्ञ डेविड क्वामेन ने बताया कि जंगली जीवों के ऊपर कई तरह के बैक्टीरिया, फंगस और वायरस होते हैं. अगर इंसान ऐसे ही जंगली जीव खाता रहा, जैसे लोग चीन में खाते हैं तो वह कई प्रकार की संक्रामक बीमारियों का शिकार होता रहेगा. (फोटोः जेहाद शोरा)
क्योंकि जंगलों में रहने वाले जीवों पर मिलने वाले वायरस जैसे कोविड-19 पूरी दुनिया में तबाही मचा सकते हैं. ये अगर इंसानों की बस्ती में आएंगे तो कोई सही सलामत नहीं बचेगा. (फोटोः रॉयटर्स)
अभी तक ये माना जा रहा है कि चीन के हुबेई प्रांत के वुहान शहर के एक वेट मार्केट यानी जंगली जीवों के बाजार से ही कोरोना वायरस किसी इंसानी शरीर में गया है. इसके बाद चीन ने जंगली जीवों को खाने और बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया था. (फोटोः रॉयटर्स)
शोधकर्ताओं को लगता है कि इंसानों और जंगली जीवों के बीच की दूरी बनाए रखने के लिए कड़े और सख्त कानून की जरूरत है. ताकि दुनिया ऐसी संक्रामक बीमारियों के हमले से बची रहे. (फोटोः रॉयटर्स)