देश और दुनियाभर में कोरोना महामारी फैली हुई है. इसी बीच उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में एक गंभीर मामला सामने आया है. यहां पर 82 साल के एक बुजुर्ग की मौत हो गई. गुजरात से आए बुजुर्ग को होम क्वारनटीन में रखा गया था. हालांकि उनकी मौत क्वारनटीन की अवधि पूरी होने के बाद हुई. बुजुर्ग की लाश दो दिन तक घर पर सड़ती भी रही.
दरअसल, यह पूरा मामला बाराबंकी स्थित थाना मोहमम्मदपुर खाला के एक गांव का है. यहां
के निवासी 82 वर्षीय राम सेवक के दो बेटे गुजरात के बड़ौदा में नौकरी करते
हैं. बुजुर्ग 22 मार्च को अपने गांव लौटे. इसके बाद पुलिस को जब बुजुर्ग
के गुजरात से आने की खबर लगी तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 23 मार्च
को परीक्षण कराया गया.
जांच करने पर कोरोना के कोई लक्षण नहीं पाए
गए तो एहतियातन वृद्ध को होम क्वारनटीन कर दिया गया. इसके बाद पिछले दो
दिन से बुजुर्ग जब अपने घर से बाहर नहीं निकले तो पड़ोसियों को चिंता हुई.
कोरोना वायरस के भय से ग्रामीण घर के भीतर जाने से कतराते रहे. उस बुजुर्ग
की घर में मौत हो गई.
पड़ोसी
ललित ने पुलिस को इस बारे में सूचना दी. शुक्रवार की देर शाम जब पुलिस मौके
पर पहुंची तो बुजुर्ग की लाश घर के अंदर चारपाई पर पड़ी मिली.
उधर बुजुर्ग
की मौत के बाद मौके पर पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उपजिलाधिकारी की
मौजूदगी में कोरोना की जांच के लिए बुजुर्ग की लाश से सैंपल लिए. इसके बाद
जांच के लिए बुजुर्ग के नमूने को भेजा गया. बुजुर्ग का पोस्टमार्टम भी नहीं
किया गया है.
इस मामले में एसडीएम फतेहपुर पंकज सिंह ने बयान दिया
है कि लाश से कोरोना जांच के सैंपल लेकर भेजा गया है. निर्धारित मानकों के
अनुसार बुजुर्ग के शव का अंतिम संस्कार भी करा दिया गया है. उन्होंने बताया
कि मृतक के घर पर कोई नहीं था, इसलिए उसके घर को सैनिटाइज करके ताला बंद
करवा दिया गया है. साथ ही पूरे ग्राम बुढ़ानापुर को सैनिटाइज करने के
निर्देश दिए गए हैं.
मृतक के पड़ोसी का कहना है कि ये 15 दिन पहले आए थे तो डॉक्टरों की
टीम आई थी और इन्हें घर पर ही 14 दिन रुकने के लिए कहा था. एक दिन पहले ही
पता चला इनकी मौत हुई, लेकिन कब हुई ये नहीं पता है हमें. इनके लड़के गुजरात
में रहते हैं. उनका फोन आया कि बात करवा दीजिए, तब हम लोगों को पता चला कि
इनकी मौत हो गई है.