Advertisement

कोरोना

कोरोना वैक्सीन का भारत में भंडारण मुश्किल! Minus 70 डिग्री तापमान की जरूरत

aajtak.in
  • 12 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 11:39 AM IST
  • 1/9

भारत में कोरोना का कहर अभी भी जारी है. इसी बीच वैक्सीन भंडारण एक प्रमुख चर्चा का विषय बना है. यह भी बताया जा रहा है कि वैक्सीन वितरण पर रणनीति बनाने की जरूरत है. लेकिन एक ऐसा कारण सामने आया है जिसकी वजह से भारत में वैक्सीन का भंडारण एक बड़ी चुनौती है.

  • 2/9

दरअसल, हाल ही में अमेरिका स्थित दिग्गज फार्मा कंपनी फाइजर (pfizer) ने  ऐलान किया कि उनकी वैक्सीन ट्रायल में 90% से ज्यादा कारगर रही है. इसी बीच भविष्य में वैक्सीन की भारत में उसकी उपलब्धता को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रयास शुरू कर दिए लेकिन वैक्सीन के भंडारण पर पेंच फंस गया. चिंता जताई जा रही है कि इस तरह की वैक्सीन के स्टोरेज के लिए माइनस 70 डिग्री सेल्सियस की जरूरत होगी.

  • 3/9

दिल्ली स्थित एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने बुधवार को कहा कि वैक्सीन के भंडारण के लिए आवश्यक न्यूनतम तापमान शून्य से 70 डिग्री सेल्सियस भारत में एक बड़ी चुनौती है. विशेष रूप से छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में जहां इस तरह की ठंड सुविधाओं को बनाए रखना बहुत मुश्किल है.

Advertisement
  • 4/9

हालांकि रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोल्ड चेन को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है, जिससे कोरोना वैक्सीन देशभर में उपलब्ध हो सके क्योंकि वैक्सीन उपलब्ध कराने वाली अधिकतर कंपनियों को कोल्ड स्टोरेज की जरूरत होगी.

  • 5/9

इस वैक्सीन पर अमेरिकी कंपनी फाइजर और जर्मन कंपनी बायोटेक मिलकर काम कर रही है. कंपनी का दावा है कि उसकी वैक्सीन 90 फीसदी से ज्यादा असरदार साबित हुई है. यह दावा तीसरे चरण के ट्रायल के बाद किया गया है.

  • 6/9

हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी फाइजर की वैक्सीन की उपलब्धता और भंडारण पर सरकार से कुछ सवाल पूछे हैं. उन्होंने हर भारतीय तक वैक्सीन की पहुंच और उपलब्धता की रणनीति को लेकर सरकार से सवाल पूछा है. उनके अनुसार वैक्सीन के स्टोरेज और ट्रांसपॉर्टेशन के लिए माइनस 70 (-70 डिग्री) की जरूरत होगी. और यह सुविधा भारत में किसी भी लॉजिस्टिक कंपनी के पास नहीं है.

Advertisement
  • 7/9

जानकारी के मुताबिक, भारत को अभी फाइजर के साथ किसी समझौते पर दस्तखत करना बाकी है, लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने संकेत दिया है कि वो इस दिशा में बातचीत के लिए तैयार है. वैक्सीन के बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए भारत में मंजूरी हासिल करने से पहले ड्रग कंट्रोलर जनरल इंडिया (DCGI) के जरिए देश में क्लिनिकल ट्रायल्स के दौर से गुजरना जरूरी होगा.

  • 8/9

स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को संकेत दिए कि वैक्सीन निर्माता फाइजर के साथ बातचीत के लिए वह तैयार है. स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने COVID-19 पर ब्रीफिंग के दौरान कहा, 'वैक्सीन को लेकर नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप सभी घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निर्माताओं के साथ संपर्क में है. हम सभी वैक्सीन के रेग्युलेटरी एप्रूवल्स को देखते हैं और वैक्सीन के रेफ्रिजेरेशन के लिए संसाधनों पर भी गौर करते हैं. यह एक निरंतर बदलने वाला समीकरण है. जैसे ही एप्रूवल आते हैं और स्थिति बदलती है, हम आपको सूचित करेंगे.'

  • 9/9

इसके अलावा एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच दीपावली को लेकर चेताया कि इस दौरान भीड़ जमा होने के चलते कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं. इसके लिए हमें आक्रामक होकर काम करने होंगे.

Advertisement
Advertisement
Advertisement