कोरोना वायरस कहर के बीच कल यानी बुधवार 12 अगस्त को रूस एक बड़ी खुशखबरी देने को तैयार है. रूस में पहली कोरोना की वैक्सीन बनकर तैयार है. अगर इस वैक्सीन को मान्यता मिल जाती है तो यह दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन होगी. लेकिन इस विरोध भी शुरू हो चुका है.
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रूस के उप स्वास्थ्य मंत्री ओलेग ग्रिडनेव ने कहा, देश 12 अगस्त को कोरोनो वायरस के खिलाफ बनाई गई पहली वैक्सीन को रजिस्टर करेगा. ये वैक्सीन मॉस्को स्थित गमलेया इंस्टीट्यूट और रूसी रक्षा मंत्रालय ने संयुक्त रूप से मिलकर बनाई है. खास बात ये है कि वैक्सीन के तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल अभी जारी है. दूसरी तरफ रूसी फार्मा कंपनी की स्थानीय इकाई ने इसे खतरनाक बताकर इसका विरोध किया है.
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रूस सरकार का दावा है कि Gam-Covid-Vac Lyo नाम की ये वैक्सीन 12 अगस्त को रजिस्टर हो जाएगी, सितंबर में इसका मास-प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा और अक्टूबर से देशभर में टीकाकरण शुरू कर दिया जाएगा. लेकिन इंडस्ट्री बॉडी ने चेतावनी दी है कि क्लिनिकल ट्रायल पूरा किए बिना वैक्सीन के सिविल यूज की इजाजत देना आम लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
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वैक्सीन के चिकित्सा परीक्षणों की शुरुआत 18 जून को हुई और इसमें 38 लोग शामिल हुए. उन सभी में प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो गई है. पहले समूह को 15 जुलाई को छुट्टी दी गई, जबकि दूसरे को 20 जुलाई को छुट्टी दी गई. ग्रिडनेव ने कहा कि अभी परीक्षण तीसरे चरण में है.
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सितंबर में इसका मास-प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा और अक्टूबर से देशभर में टीकाकरण शुरू कर दिया जाएगा. चिकित्सा पेशेवरों और वरिष्ठ नागरिकों का सबसे पहले टीकाकरण किया जाएगा.
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