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कोरोना

एक्सपर्ट के सवाल- भारत में जांच सुविधाएं कम, कैसे संभालेंगे कोरोना?

aajtak.in
  • 26 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 12:48 PM IST
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इस समय कोरोना के कहर से दुनिया के सभी देश डरे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और दुनियाभर के देशों की सरकारें इसको फैलने से रोकने में लगी हुई है. ऐसे में एक स्टडी ग्रुप की रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें भारत को लेकर बड़ी चेतावनी दी जा रही है. यह समूह बता रहा है कि अगर भारत के लोग और सरकार नहीं संभली तो यहां अगले 7-8 हफ्तों में कोरोना मरीजों की संख्या 1 से लेकर 13 लाख हो जाएगी. क्योंकि यहां जांच की व्यवस्थाएं कम हैं. (फोटोः रॉयटर्स)

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समाचार एजेंसी पीटीआई ने इस स्टडी ग्रुप के हवाले से लिखा है कि अब तक भारत ने अच्छा काम किया है कोरोना को रोकने के लिए, लेकिन भारत के पास टेस्टिंग की क्षमता कम है. ऐसे में कई कोरोना संक्रमित लोग छूट जाएंगे, जो बाद में पूरे समुदाय के लिए दिक्कत करेंगे. (फोटोः रॉयटर्स)

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इस स्टडी समूह का नाम है COV-IND 19 Study Group. ये समूह चीन, अमेरिका, इटली और अन्य देशों में वायरस के फैलने के पैटर्न का अध्ययन करने के बाद भारत के आंकड़ों को एनालिसिस कर रहा है. यह भी पता कर रहा है कि भविष्य में कितनी भयावह स्थिति होगी.  (फोटोः रॉयटर्स)

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मिशिगन यूनिवर्सिटी, जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी, कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के बायो और डेटा साइंटिस्ट द्वारा बनाए गए COV-IND 19 समूह का एनालिसिस है कि मई महीने में भारत के ऊपर कोरोना वायरस का प्रकोप बेहद बुरा होगा. कोरोना मरीजों की संख्या कम से कम करीब 1 लाख और अधिकतम 13 लाख हो सकती है. (फोटोः रॉयटर्स)

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जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी में काम करने वाली शोधकर्ता देबाश्री रॉय ने बताया कि अब तक जितने लोग भारत में जांचे गए हैं. उनकी संख्या बेहद कम है. अगर लोगों को जांचने की संख्या बढ़ाई नहीं जाएगी तो कोरोना वायरस तीसरे स्टेज में आ जाएगा. यानी सामुदायिक स्तर पर संक्रमण शुरू हो जाएगा. (फोटोः रॉयटर्स)

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देबाश्री रॉय ने बताया कि आपको नहीं पता है कि भारत में कितने लोग कोरोना संक्रमण लेकर बाहर घूम रहे हैं. कुछ लोग तो अस्पतालों से भाग रहे हैं. ये समाज के लिए बड़ा खतरा है. भारत में आबादी भी ज्यादा है और उसका घनत्व भी. ऐसे में वायरस फैलने का खतरा बढ़ जाता है. (फोटोः रॉयटर्स)

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स्टडी ग्रुप के मुताबिक इसके बाद दिक्कत आएगी आईसीयू बेड्स की. क्योंकि देश में इतने ICU बेड नहीं हैं. अगले कुछ महीनों में भारत की स्थिति और खराब हो सकती है. (फोटोः रॉयटर्स)

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15 अप्रैल तक कोरोना पीड़ितों की संख्या 5 हजार के आसपास होगी. जबकि, मई के मध्य में यानी 15 मई तक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या करीब 1 लाख से 13 लाख हो सकती है.  (फोटोः रॉयटर्स)

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इस ग्रुप के वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि यह आंकड़े कम स्तर के संक्रमण को लेकर निकाले गए हैं. अगर उच्च स्तर के संक्रमण को लेकर यह विश्लेषण किया जाए तो 15 मई तक कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 9 लाख 15 तक पहुंच सकती है. (फोटोः रॉयटर्स)

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COV-IND 19 स्टडी समूह के मुताबिक 19 मार्च तक भारत अमेरिकी पैटर्न पर चल रहा था. इसका मतलब ये है कि ग्रुप के अनुसार भारत में कोरोना संक्रमण के फैलने की दर बेहद धीमी है. अगर हम अमेरिका और इटली की तुलना भारत से करें तो. (फोटोः रॉयटर्स)

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भारत के लिए यह वायरस इसलिए भी खतरनाक साबित होगा क्योंकि देश में अस्पताल कम हैं. वर्ल्ड बैंक के अनुसार भारत में 1000 आदमी पर 0.7 अस्पताल है. जबकि, फ्रांस में 6.5, दक्षिण कोरिया में 11.5, 4.2 चीन में, इटली में 3.2, यूके में 2.9 और अमेरिका में 2.8. (फोटोः रॉयटर्स)

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मतलब ये है कि गर्मी में भारत में कोरोना वायरस का असर और भयावह हो सकता है. इस स्टडी ग्रुप के अनुसार यह कहना मुश्किल है कि गर्मी में कोरोना वायरस मर जाएगा. यह और भयावह रूप भी ले सकता है. (फोटोः रॉयटर्स)

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पूरी तरह से ट्रांसपोर्ट और ट्रैवल बंद करने से कोरोना वायरस के फैलाव में रोक लगेगी. इसकी वजह से वायरस का फैलाव रुक सकता है लेकिन यह पूरी तरह से खत्म नहीं होगा. जैसे ही ट्रैवल बैन हटेगा, यह फिर से सक्रिय हो सकता है. इसका मौसम या तापमान से कोई लेना-देना नहीं है. (फोटोः रॉयटर्स)

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इस समूह ने बताया कि भारत में इस वायरस से प्रभावित लोगों की सही संख्या की जानकारी न होने की वजह से कोरोना मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो सकता है. इससे कोई इनकार नहीं कर सकता. (फोटोः रॉयटर्स)

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