ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने शुक्रवार को डब्ल्यूएचओ और संयुक्त राष्ट्र से चीन में चल रहे वेट मार्केट के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा है कि वेट मार्केट एक वास्तविक समस्या है, यहीं से कोरोना वायरस की शुरुआत हुई है.
दरसअल, गुरुवार को एक समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में मॉरिसन ने कहा
कि चीन स्थित वेट मार्केट ही वह जगह है जहां वे वायरस मौजूद थे. उन्होंने
कहा कि यह दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य
अंतरराष्ट्रीय संगठन इस पर थोड़ा और ध्यान दे सकते हैं.
(Photo: @scottmorrisonmp)
बता
दें कि चीनी शहर वुहान में स्थित वेट मार्केट एक ऐसा बाजार है जहां अजगर,
कछुए, गिरगिट, चूहे, चीते के बच्चे, चमगादड़, पैंगोलिन, लोमड़ी के बच्चे,
जंगली बिल्ली, मगरमच्छ जैसे जानवरों का मीट बिकता है. यहीं से इस वायरस के
फैलने की आशंका भी जताई जा रही है.
(File Photo: Reuters)
एक तथ्य यह भी है कि चीन के इसी
मार्केट से 2002 में इसी बाजार से सार्स फैला था. इस सार्स के कारण 26
देशों के 8,000 लोग संक्रमित हो गए थे. ये कोरोना वायरस का पहला आक्रमण था.
इसके बाद चीन ने कुछ दिन के लिए यह मार्केट बंद कर दिया था. लेकिन कुछ ही
दिनों बाद इसे फिर खोल दिया था.
क्या होता है वेट मार्केट:
वेट
मार्केट में जंतुओं को खुले में काटा जाता है. इन जानवरों का खून, मल, पस,
थूक पानी में मिलकर एक हो जाते हैं. इनमें वायरस पनपते हैं. इसी मार्केट
में लोग आते हैं. और आसानी से ये वायरस इंसान के शरीरों में प्रवेश कर जाते
हैं.
चीन में है ऐसा कानून:
1988 में तो चीन की सरकार ने
वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन कानून बनाकर इन जारवारों की फार्मिंग (खेती) को
कानूनी तौर पर सुरक्षित बना दिया. इसके बाद चीन के गांव-गांव में वेट
मार्केट बढ़ने लगे.
चीन पूरी दुनिया में बढ़ाना चाहता है ये मार्केट:
रॉयटर्स
की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन बेल्ट एंड रोड के माध्यम से जंगली जानवरों
के व्यापार का विस्तार करना चाहता है. हालांकि कोरोना वायरस के फैलने के
बाद वहां इसे रोका जरूर गया है.
कुल मिलाकर कोरोना वायरस इस समय भले ही पूरी दुनिया में फैला है लेकिन सच्चाई यही है कि यह
चीन में ही शुरू में ज्यादा फैला है. देखते ही देखते पूरी दुनिया में फैल
गया. अब देखना यह होगा कि यह कब तक और कैसे नियंत्रित होगा.