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कोरोना

स्पुतनिक वैक्सीन का असर कितने समय तक रहेगा, रूस ने पहली बार बताया

aajtak.in
  • 13 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 9:59 PM IST
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दुनियाभर में वैक्सीन के बारे में चल रही जबरदस्त चर्चा के बीच कई देशों में अब कोरोना वैक्सीन लगनी शुरू हो गई है. रूस की स्पुतनिक वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल का दौर भारत में भी शुरू हो गया है. इसी बीच रूस की स्पुतनिक वैक्सीन के बारे में पहली बार बताया गया है कि इस वैक्सीन का असर कब तक रहेगा और कितने साल के लिए सुरक्षा मिलेगी.

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दरअसल, रूसी समाचार एजेंसी 'टास' के हवाले से स्पुतनिक वैक्सीन के प्रमुख विकासकर्ता अलेक्जेंडर गेन्सबर्ग ने दावा किया है कि कोरोना के खिलाफ स्पुतनिक वैक्सीन दो साल तक कारगर होगी. उन्होंने यह भी कहा है कि अभी तक जितने भी प्रयोग हुए हैं, उनसे प्राप्त आंकड़ों से पता चला है कि यह वैक्सीन दो साल या उससे अधिक समय तक के लिए सुरक्षा प्रदान करेगी. (File Photos)

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हालांकि गेन्सबर्ग ने यह भी कहा कि अभी तो मैं केवल सुझाव ही दे सकता हूं क्योंकि और अधिक प्रयोगात्मक आंकड़ों की आवश्यकता है. इस दौरान उन्होंने कहा हमारी वैक्सीन ईबोला वैक्सीन की तर्ज पर बनाई जा रही है.

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यह वही स्पुतनिक वैक्सीन है जिसके बारे में रूस ने पिछले महीने कहा था कि उसका 'स्पूतनिक वी' वैक्सीन ट्रायल के दौरान 92% कारगर पाया गया था. पिछले सप्ताह पुतिन ने वैक्सीन बनाने वाले एक प्लांट को लॉन्च किए जाने वाले समारोह में यह ऐलान किया कि रूस अगले कुछ दिनों के भीतर 2 मिलियन कोरोना वैक्सीन का उत्पादन करेगा. 

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स्पुतनिक के बारे में पुतिन ने 11 अगस्त को ऐलान किया था कि रूस ने कोरोना पर वैक्सीन बना ली है. हाल ही में पुतिन ने बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन के आदेश दिए हैं. व्लादिमीर पुतिन ने रूसी अधिकारियों को कोरोना के खिलाफ सामूहिक तौर पर स्वैच्छिक टीकाकरण शुरू करने का आदेश दिया है.

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भारत में भी स्पुतनिक वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल का दौर शुरू हो गया है. पिछले सप्ताह महाराष्ट्र में पुणे के नोबल अस्पताल में मानव परीक्षण के तहत 17 वॉलंटियर्स को रूस का स्पुतनिक कोरोना वायरस टीका लगाया गया है. नोबल अस्पताल के निदेशक डॉ राउत ने बताया था कि कुल 17 वॉलंटियर्स को टीका लगाया गया है.

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