आपने अभी तक कोरोना वायरस की सैंकड़ों तस्वीरें देख ली होंगी. अलग-अलग रंगों में. अलग-अलग आकार और रूप में. यहां तक की उसकी थ्रीडी तस्वीर भी सामने आ गई है. लेकिन क्या आपने कोरोना वायरस का म्यूजिक सुना है. कोरोना वायरस के ढांचे से निकलता हुए संगीत. जी हां, वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के ढांचे से निकलने वाली आवाज को संगीत में बदल दिया है. आखिरी स्लाइड में सुनिए कोरोना का संगीत. (फोटोः मार्कस जे. ब्यूहलर)
जिस कोरोना वायरस की वजह से अब तक करीब 13 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं. करीब 69 हजार लोग मारे जा चुके हैं. उस वायरस के बाहरी हिस्से में मौजूद कंटीले प्रोटीन से संगीत बनाना एक अजीब सी बात है. (फोटोः गेटी)
इस कोरोना म्यूजिक को तैयार किया है मैसाच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के वैज्ञानिक मार्कस जे ब्यूहलर ने. आपको जो संगीत सुनाई देगी उसमें आपको घंटियों, स्ट्रिंग्स और बांसुरी की आवाज सुनाई देगी. ये सभी कोरोना के कंटीले प्रोटीन के अलग-अलग रूपों को बयान करते हैं. (फोटोः गेटी)
MIT के वैज्ञानिकों ने सोनीफिकेशन तकनीक के जरिए कोरोना वायरस के बाहरी लेयर पर मौजूद कंटीले प्रोटीन से ये संगीत बनाया है. यह पूरा संगीत करीब एक घंटा 49 मिनट 48 सेकंड का है. (फोटोः गेटी)
आपको बताते हैं कि कैसे निकलता है वायरस से संगीत. कोरोना वायरस का बाहरी कंटीला प्रोटीन लेयर जो आपकी कोशिकाओं को छेदता है. वह अमीनो एसिड से बना होता है. लेकिन जब वास्तविकता में अमिनो एसिड का ढांचा देखते हैं वह एक हेलिक्स जैसा दिखता है. यानी हमारे डीएनए के आकार जैसा. घूमा हुआ. (फोटोः रॉयटर्स)
जब इनमें कंपन होता है तो इनमें से भी आवाज निकलती है. इसलिए MIT के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के बाहरी कंटीले प्रोटीन से मिले अमीनो एसिड्स के हेलिकल ढांचे को अलग-अलग नोट पर रखा. जिससे ये संगीत निकल कर सामने आया. (फोटोः रॉयटर्स)
MIT के वैज्ञानिकों का कहना है कि संगीत के ऊपरी और निचले नोट से पता चलता है कि अमीनो एसिड का ढांचा कहां से मजबूत और कमजोर है. इससे यह जानकारी मिलती है कि उसी कौन से नोट से पर वायरस कोशिकाओं को पकड़ता है. (फोटोः रॉयटर्स)
वैज्ञानिक भाषा में किसी वायरस के ढांचे को इस तरह से बनाने को मॉलिक्यूलर मॉडलिंग कहते हैं. फिर मॉडल्स के जरिए यह पता किया जाता है कि कैसे हम वायरस के हमले को रोक सकते हैं. (फोटोः रॉयटर्स)
जब मॉलिक्यूलर मॉडल का सोनीफिकेशन करते हैं तब उसमें से संगीत निकलता है. MIT के वैज्ञानिकों ने कोरोना म्यूजिक के सोनीफाइड प्रोटीन को अपने बड़े डेटाबेस में डाला है ताकि वह यह पता कर सकें कि इस प्रोटीन के साथ डेटाबेस में मौजूद कोई अन्य प्रोटीन कैसे रिएक्ट करता है. (फोटोः रॉयटर्स)
डेटाबेस में मौजूद जो प्रोटीन कोरोना के सोनीफाइड प्रोटीन यानी संगीतयुक्त प्रोटीन को दबा देगा. उस प्रोटीन से इस वायरस को मारने या दबाने की दवा बनाई जा सकती है. यानी भविष्य में संगीत से हो सकेगा कोरोना का इलाज. (फोटोः मार्कस जे. ब्यूहलर)
वायरस के संगीत को लेकर किस तरह के म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स का उपयोग करना है, यह पूरी तरह से वैज्ञानिकों पर निर्भर करता है. इस वायरस के संगीत में जापानी संगीत यंत्र कोतो मुख्य है. घंटियां, स्ट्रिंग्स और बांसुरी उसका साथ दे रही हैं. आइए इस बुरे दौर में सुनते हैं राहत देने वाली कोरोना म्यूजिक... (फोटोः रॉयटर्स)