दुनिया में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 9 लाख 76 हजार से अधिक हो चुकी है. सिर्फ भारत में 90,020 लोगों की कोरोना से मौत हुई है. वहीं, दुनिया भर में कोरोना के मृतकों को अपना आखिरी वक्त परिवार वालों से दूर होकर गुजारना पड़ता है. इसकी वजह से मृतकों के परिजनों को भी गहरा सदमा लगता है. ऐसे ही एक शख्स के पिता की कोरोना वायरस से मृत्यु हो गई थी, उसने होटल में लोगों को क्वारनटीन करने वाली कंपनी पर मुकदमा कर दिया है.
ये मामला ऑस्ट्रेलिया का है. बेटे ने कोरोना पॉजिटिव पिता को सड़क पर खड़े होकर खिड़की से मरते हुए देखा. बेटे ने इस घटना को बेहद पीड़ादायक और असंवेदनशील करार दिया. उसने क्वारनटीन करने वाली सिक्योरिटी कंपनी के खिलाफ मुकदमा कर दिया. कंपनी पर आरोप है कि उसने क्वारनटीन के नियम लागू करने के लिए सही से काम नहीं किया.
ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया के रहने वाले ड्रैगन मारकोविक नाम के शख्स का कहना है कि अगस्त में 83 साल के पिता की कोरोना वायरस से मृत्यु हो गई. वहीं, विक्टोरिया में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के पीछे क्वारनटीन प्रोग्राम की खामी को ही जिम्मेदार समझा जा रहा है. दूसरी लहर के 99 फीसदी मामलों के तार क्वारनटीन प्रोग्राम से जुड़े मिले हैं. इसकी वजह से काफी लोगों की मौतें भी हो गईं.
सरकार ने यहां क्वारनटीन के लिए एक प्राइवेट सिक्योरिटी फर्म को जिम्मेदारी दी थी. प्राइवेट फर्म के गार्ड को जिम्मेदारी दी गई थी कि वे क्वारनटीन किए गए ट्रैवलर्स की निगरानी करे. वहीं, ड्रैगन मारकोविक ने कहा कि अगर यूनिफाइड सिक्योरिटी ग्रुप ने संक्रमित ट्रैवलर्स की सही से निगरानी की होती तो मामले इतने अधिक नहीं बढ़ते. सैकड़ों लोग अभी जीवित होते.
डेली मेल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, प्राइवेट सिक्योरिटी फर्म पर आरोप है कि उन्होंने कोरोना से जुड़े नियमों को सही से लागू नहीं किया. इसकी वजह से ऑस्ट्रेलिया के एक राज्य में बड़े पैमाने पर कोरोना के मामले फैल गए. बता दें कि अब तक ऑस्ट्रेलिया में कोरोना के कुल मामले 26,974 हैं. वहीं कोरोना से 859 लोगों की जान जा चुकी है.