विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने विभिन्न देशों का एक समूह तैयार किया है जिससे कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार करने में मदद मिल सके. इसे कोवैक्स (COVAX) ग्लोबल वैक्सीन फैसिलिटी नाम दिया गया है. कोवैक्स इस तरह से डिजाइन किया गया है कि अमीर देश पैसे देंगे और इससे विकासशील और गरीब देशों को भी वैक्सीन मिलेगी.
कोवैक्स का उद्देश्य है कि 2021 के अंत तक प्रभावी कोरोना वैक्सीन की दो अरब खुराक डिलिवर की जाए. कोवैक्स प्रोग्राम के नियम अभी अंतिम रूप से तय किए जाने बाकी हैं. अब तक कोवैक्स के साथ 92 गरीब और 80 अमीर देश जुड़ चुके हैं. विभिन्न देशों के कोवैक्स से जुड़ने के लिए 31 अगस्त की समयसीमा रखी गई है.
WHO, गवि वैक्सीन अलायंस और Coalition for Epidemic Preparedness Innovations ने एक साथ मिलकर कोवैक्स प्रोग्राम तैयार किया है. इसका नेतृत्व WHO कर रहा है. कोवैक्स कोरोना वैक्सीन के लिए बनाए गए एक बड़े प्रोग्राम Access to COVID-19 Tools (ACT) का भी हिस्सा है.
Access to COVID-19 Tools (ACT) का उद्देश्य ये है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन, ट्रीटमेंट, टेस्ट और अन्य रिसोर्स बड़े पैमाने पर उपलब्ध हों ताकि महामारी को रोका जा सके. ACT को विभिन्न एनजीओ और सरकारों से फंड मिल रहा है. इसका इरादा करीब 31 बिलियन डॉलर जुटाने का है.
एक तरफ WHO विभिन्न देशों के साथ मिलकर कोरोना खत्म करने के लिए एक मंच तैयार करने की कोशिश कर रहा है, दूसरी ओर कई अमीर देश निजी स्तर पर ही वैक्सीन की तलाश कर रहे हैं ताकि उनके नागरिकों को जल्दी वैक्सीन मिल सके. कई देश वैक्सीन सही साबित होने से पहले से ही खरीदारी के लिए डील कर रहे हैं. WHO ने चिंता जाहिर की है और कहा है कि अगर संभावित वैक्सीन की जमाखोरी की जाती है तो इससे महामारी बढ़ सकती है.