Advertisement

कोरोना

महामारी रोकने में नं-1 था US, कोरोना के सामने साबित हुआ फिसड्डी

ऋचीक मिश्रा
  • 15 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 7:37 AM IST
  • 1/10

कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया आफत में है. इस वायरस से अगर किसी को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है तो वह देश है अमेरिका. यहां अब तक 6 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से बीमार हो चुके हैं. जबकि, 25,900 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वह भी तब, जब अमेरिका किसी भी महामारी से लड़ने के लिए पिछले साल दुनियाभर में अव्वल था. चौंक गए न कि अमेरिका महामारी से लड़ने में अव्वल कैसे था. आइए जानते है इसपर एक विशेष रिपोर्ट... (फोटोः AFP)

  • 2/10

ये बात है अक्टूबर 2019 की. यानी कोरोना वायरस के फैलने से ठीक एक या दो महीने पहले की. अमेरिका में कोरोना का पहला केस जनवरी में आया. लेकिन अलग-अलग दावों के अनुसार कोरोना वायरस चीन में नवंबर या दिसंबर में फैलने लगा था. (फोटोः AFP)

  • 3/10

ग्लोबल हेल्थ इंडेक्स की सूची में अमेरिका नंबर एक था. 195 देशों की सूची में अमेरिका को महामारियों और बीमारियों से लड़ने के हर तरह तरीकों में नंबर एक बताया गया था. लेकिन नतीजे आपके सामने हैं. नंबर एक के दावे के 2 महीने बाद ही अमेरिका की हालत खराब होने लगी. और सच्चाई सभी के सामने दिख रही है. (फोटोः AFP)

Advertisement
  • 4/10

ग्लोबल हेल्थ इंडेक्स को जॉन हॉपकिन्स सेंटर फॉर हेल्थ सिक्योरिटी और द इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट मिलकर प्रकाशित करती है. इस इंडेक्स में अलग-अलग देशों की आबादी, स्वास्थ्य सेवाएं, आर्थिक स्थिति, महामारी या बीमारी से लड़ने की तैयारियां आदि देखी जाती हैं. (फोटोः AFP)

  • 5/10

इस सूची में टॉप पांच जो देश हैं- वो हैं अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, नीदरलैंड्स, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा. इसमें से अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम की हालत तो बेहद खराब है. जबकि, बाकी तीन देश में कोरोना वायरस से संघर्ष कर रहे हैं. (फोटोः AFP)

  • 6/10

पूरी दुनिया जब लॉकडाउन या शटडाउन के पक्ष में खड़ी थी और इसे लागू कर रही थी. तब अमेरिका की एक संस्था ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक कॉपरेशन एंड डेवलपमेंट ने राष्ट्रपति को बता दिया लॉकडाउन से प्रति माह जीडीपी में 2 फीसदी की गिरावट आएगी. नतीजा ये हुआ कि अमेरिका में लॉकडाउन देरी से शुरू हुआ. (फोटोः AFP)

Advertisement
  • 7/10

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब भी जल्द से जल्द अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर लगे लॉकडाउन को हटाने के पक्ष में हैं. जबकि, अमेरिकी वैज्ञानिकों ने इस बात की आशंका जाहिर की है कि अगस्त 2020 तक अमेरिका में कोरोना वायरस की वजह से करीब 60 हजार लोग मारे जा सकते हैं. (फोटोः AFP)

  • 8/10

अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या अमेरिका इन लोगों का जीवन बचाने के लिए अरबों रुपए खर्च कर सकता है. यहां दिक्कत ये हुई कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने वैज्ञानिक सलाहकारों की बात नहीं मानी. जबकि, सिंगापुर, मलेशिया और न्यूजीलैंड ने वैज्ञानिक सलाहकारों की बात मानकर कोरोना के संक्रमण पर नियंत्रण कर लिया है. (फोटोः AFP)

  • 9/10

ग्लोबल हेल्थ इंडेक्स की सूची में किसी भी देश को छह श्रेणियों के आधार पर रैकिंग दी गई है. ये श्रेणियां हैं - प्रिवेंशन (बचाव), डिटेक्टशन (पहचान), रेसपॉन्ड (प्रतिक्रिया), हेल्थ (स्वास्थ्य), नॉर्म्स (नियम) और रिस्क (खतरा). (फोटोः AFP)

Advertisement
  • 10/10

ग्लोबल हेल्थ इंडेक्स में अमेरिका महामारियों और बीमारियों से बचाव, पहचान, स्वास्थ्य और नियम की श्रेणियों में पहले नंबर पर था. प्रतिक्रिया में दूसरे नंबर पर और खतरा उठाने की श्रेणी में 19वें नंबर पर था. इतनी तैयारियों के बावजूद अमेरिका की हालत खराब हो गई. (फोटोः AFP)

Advertisement
Advertisement