कोरोना वायरस को कंट्रोल करने के लिए लॉकडाउन लगाया गया. ऐसे में उन माता पिता को टेंशन हो रही थी, जिनके बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं, लेकिन स्कूल वाले लगातार फीस की मांग कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर लॉकडाउन के चलते शिक्षकों को सैलरी नहीं मिल रही है. इन सभी परेशानियों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने स्कूल फीस, प्राइवेट स्कूल, ऑनलाइन फीस, स्टाफ की सैलरी को लेकर कुछ निर्देश जारी किए हैं. आइए प्वाइंट्स में समझते हैं कि सरकार की गाइडलाइंस क्या हैं.
पहला प्वाइंट
दिल्ली सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि दिल्ली का कोई भी प्राइवेट स्कूल फीस में किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं कर सकता है.
दूसरा प्वाइंट
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकार ने फैसला लिया है किसी भी प्राइवेट स्कूल को (वो चाहे सरकारी जमीन पर बना हो या गैर सरकारी जमीन पर) फीस बढ़ाने की इजाजत नहीं दी जाएगी. सरकार से पूछे बिना कोई भी स्कूल फीस नहीं बढ़ा सकता है.
तीसरा प्वाइंट
स्कूल प्रशासन को आदेश दिए गए हैं कि सभी प्राइवेट स्कूल अपनी सभी टीचिंग, नॉन टीचिंग, कॉन्ट्रैक्ट या आउट सोर्स वाले स्टाफ की सैलरी समय से दें. कोरोना संकट में वह इसे वह अपनी जिम्मेदारी समझें.
पांचवा प्वाइंट
दिल्ली के प्राइवेट स्कूल बच्चों से एक साथ तीन महीने की फीस नहीं ले सकते हैं.
छठा प्वाइंट
प्राइवेट स्कूल केवल एक महीने की ट्यूशन फीस ले सकते हैं, इसके अलावा किसी भी प्रकार की फीस नहीं ली जाएगी.
सातवां प्वाइंट
सरकार ने कहा, यदि कोई छात्र ट्यूशन फीस नहीं जमा कर पाया है तो उसे किसी भी स्थिति में ऑनलाइन क्लास से न निकाला जाए.
आठवां प्वाइंट
स्कूल बंद हैं, ऐसे में प्राइवेट स्कूल परिवहन शुल्क नहीं वसूल सकते हैं. यदि वह ऐसा करते हैं तो उन पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा.
दिल्ली सरकार ने अपने आदेश में जहां छात्रों का ध्यान रखा है वहीं पढ़ाने वाले स्टाफ का भी पूरा ध्यान रखा है. ऐसे में सरकार ने कहा कि किसी भी कीमत पर प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों और स्टाफ की सैलरी न रोकी जाए.