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कोरोना

अमेरिकी साइंटिस्ट का दावा- तैयार कर ली कोरोना वायरस की दवा

aajtak.in
  • 01 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 1:19 PM IST
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नेटफ्लिक्स डॉक्यूमेंट्री पैन्डेमिक से चर्चा में आए अमेरिकी साइंटिस्ट का कहना है कि उनकी टीम ने कोरोना वायरस का इलाज ढूंढ लिया है. डॉ. जैकब ग्लानविले ने कहा है कि सार्स (Severe acute respiratory syndrome) पैदा करने वाले वायरस के खिलाफ इस्तेमाल किए गए कई एंटीबॉडीज के इस्तेमाल से ही उन्होंने ये सफलता हासिल की है.

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डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, कैलिफोर्निया में रहने वाले फिजिशियन और डिस्ट्रीब्यूटेड बायो के सीईओ डॉ. जैकब ग्लानविले ने कहा है कि उन्हें यह बताते हुए खुशी हो रही कि इंजीनियरिंग का काम पूरा कर लिया गया है. अब हमारे पास एक प्रभावशाली एंटीबॉडीज है जो कोरोना के खिलाफ काम कर सकता है.

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रेडियो न्यूजीलैंड से बात करते हुए साइंटिस्ट ने कहा कि उनकी टीम ने सार्स के खिलाफ 2002 में इस्तेमाल किए गए 5 एंटीबॉडीज का इस्तेमाल किया है. इन्हीं एंटीबॉडिज के जरिए उन्होंने कोरोना वायरस (COVID-19) का इलाज तलाशने की कोशिश की है. SARS-CoV-2 और COVID-19 एक ही फैमिली के वायरस हैं.

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अमेरिकी साइंटिस्ट ने कहा कि अब तक वे एंटीबॉडीज के लाखों वर्जन तैयार कर चुके हैं. इन्हें म्यूटेट भी किया गया है. नए एंटीबॉडीज के इंसानों पर परीक्षण होने के बाद इसका इस्तेमाल कोरोना वायरस के खिलाफ किया जा सकता है. परीक्षण सफल होने के बाद सरकारी एजेंसी के पास इसे मंजूरी के लिए भेजा जा सकता है.

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डॉ. जैकब ग्लानविले ने कहा कि ये एंटीबॉडीज एस-प्रोटीन्स को बाइन्ड करते हैं जिसके जरिए कोरोना वायरस शरीर में प्रवेश करता है. उन्होंने कहा कि सभी रिसर्च फिर से शुरू करने के बाद एंटीबॉडी तैयार करने में अधिक वक्त लग सकता है, इसलिए उन्होंने पहले से मौजूद एंटीबॉडीज का इस्तेमाल किया है.

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अगर इस एंटीबॉडी का परीक्षण सफल होता है तो शॉर्ट टर्म के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. असल वैक्सीन लोगों की आजीवन रक्षा करती है, लेकिन शॉर्ट टर्म वैक्सीन 10 साल तक सुरक्षा दे सकती है.

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बता दें कि कोरोना वायरस से अब तक दुनियाभर में 8,62,500 से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं. 42,500 से अधिक लोग कोरोना से जान भी गंवा चुके हैं.

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