पंजाब के जालंधर में एक 11 वर्षीय मासूम की लाश बुजुर्ग पिता के कंधे पर लदी सड़कों पर घूमती नजर आई. 500 से अधिक हॉस्पिटल व 100 से अधिक एंबुलेंस वाले जालंधर शहर में दिखे इस दृश्य ने सिस्टम के मुंह पर तमाचा मारने वाला काम किया. मासूम बच्ची का कोरोना के कारण निधन हो गया और उसे कंधा देने के लिए कोई आगे नहीं आया. उसका बुजुर्ग पिता उसे अपने कंधे पर एक श्मशान घाट लेकर गया.
जालंधर के रामनगर की रहने वाली 11 साल की सोनू का कोरोना के कारण देहांत हो गया और जैसे-जैसे लोगों को पता चला कि उस लड़की को कोरोना था तो उस को कंधा देने के लिए कोई भी आगे नहीं आया.
बुजुर्ग पिता उसे अपने कंधे पर उठाकर श्मशान तक लेकर गया जिसका वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया क्योंकि यह इंसानियत को शर्मसार करने वाली तस्वीर है. हालांकि कोरोना महामारी के चलते प्रशासन ने बहुत सख्ती कर रखी है और ऐसे समय में अगर किसी की कोरोना के कारण मृत्यु होती है तो उसका दाह संस्कार करने का जिम्मा प्रशासन खुद निभाता है पर इस बुजुर्ग को अपनी बच्ची के संस्कार के लिए खूब अपने कंधे पर उठाकर श्मशान घाट तक ले जाना पड़ा.
मृतक सोनू के पिता दिलीप कुमार के मुताबिक, तबीयत खराब होने के बाद सिविल हॉस्पिटल जालंधर ने उनकी बेटी को अमृतसर रेफर कर दिया था. प्रशासन की ओर से किसी तरह की कोई भी सुविधा नहीं मिली.
दिलीप ने कहा कि जब वह घर वापस पहुंचा तो आस-पड़ोस वालों ने भी उसे साफ कह दिया कि उसके बच्चे की मौत कोरोना के कारण हुई है इसलिए वह कोई भी उसके बच्ची को हाथ नहीं लगाएंगे. उसके संस्कार का इंतजाम उसे खुद ही करना होगा. उसके पास अपनी बच्ची को कंधे पर उठाकर श्मशान घाट तक ले जाने के अलावा कोई भी रास्ता नहीं बचा था.