पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का कहर है. कुछ दिन पहले खबर आई थी कि चीन में हंतावायरस की वजह से एक शख्स की मौत हो गई थी. उस समय चीन ने कहा था कि घबराने की जरूरत नहीं है. लेकिन अब चीन कह रहा है कि चीन पर हंतावायरस का हमला फिर हुआ है. इसे रोकने के लिए सरकार एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. (फोटोः रॉयटर्स)
चीन के सरकारी अखबार
ग्लोबल टाइम्स को दिए गए इंटरव्यू में दक्षिणी चीन के गुआंगडोंग प्रांत के फोशान शहर में प्रमुख डॉक्टर बाई होंगलियान ने कहा कि हंतावायरस आया हुआ है. इसका दोबारा हमला हुआ है देश पर लेकिन अभी तक इसने कोई नुकसान नहीं किया है.
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डॉ. बाई होंगलियान ने बताया कि कुछ दिन पहले यूनान प्रांत के एक मजदूर की हंतावायरस से मौत हो गई थी. जिसकी वजह से चीन के लोग घबरा गए थे. लेकिन उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसका असर ज्यादा नहीं है. (फोटोः रॉयटर्स)
कोरोना वायरस से जूझ रही चीन की सरकार ने हंतावायरस को रोकने के लिए इससे प्रभावित इलाकों में चूहों और ऐसे ही अन्य जानवरों को मारने का मुहिम चला रखी है. (फोटोः रॉयटर्स)
डॉ. बाई होंगलियान ने बताया कि हंतावायरस की शुरुआत एक बैक्टीरिया की वजह से होती है. जो आपके सांस लेने की पूरी प्रणाली को खराब करता है. इसके बाद हंतावायरस हमला करता है. ये दोनों मिलकर पूरे रेस्पिरेटरी सिस्टम को बर्बाद कर देते हैं. इंसान मर जाता है. (फोटोः रॉयटर्स)
इस बैक्टीरिया और हंतावायरस का माध्यम चूहा ही है. जब ये दोनों मिलकर किसी इंसान पर हमला करते हैं तो उसे बचाना मुश्किल हो जाता है. लेकिन डॉ. बाई होंगलियान ने कहा है कि फिलहाल डरने की जरूरत नहीं है. क्योंकि अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है. (फोटोः रॉयटर्स)
चीन की सरकार कोरोना वायरस फैलने के बाद हुई अंतरराष्ट्रीय स्तर की बेइज्जती के बाद अब ये नहीं चाहती कि हंतावायरस को लेकर कोई डर पैदा हो. इसलिए चूहों को मारने की सीक्रेट मुहिम चला दी है. (फोटोः रॉयटर्स)
चीन की सरकार का दावा है कि हंतावायरस की दवा मौजूद है. किसी को घबराने की जरूरत नहीं है. चीन के महामारी विशेषज्ञ वू डेलियान ने कहा है कि हंतावायरस हवा के जरिए इंसानों में फैल सकता है. डेलियान पहले चीनी है जिन्हें कैंब्रिज यूनिवर्सिटी ने डॉक्टरेट की उपाधि दी थी. (फोटोः रॉयटर्स)
वू डेलियान ने कहा कि किसी भी तरह की महामारी जो रेस्पिरेटरी सिस्टम को बिगाड़ सकती है उसे डबल-लेयर गॉज मास्क पहनकर बचाया जा सकता है. अगर किसी जानवर के जरिए इंसानों में रेस्पिरेटरी डिजीज फैलता है तो उसे न्यूमोनिक प्लेग कहते हैं. (फोटोः रॉयटर्स)