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कोरोना

कोरोना से ठीक हुआ तो ब्लैक फंगस से चली गई डॉक्टर के आंख की रोशनी

रवीश पाल सिंह
  • होशंगाबाद ,
  • 12 मई 2021,
  • अपडेटेड 7:39 PM IST
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कोरोना से पीड़ित मरीज ठीक तो हो रहे हैं लेकिन उनको ब्लैक फंगस जैसा साइड इफेक्ट हो रहा है. कोरोना से ठीक हुए तो ब्लैक फंगस से एक आंख की रोशनी चली गई. ब्लैक फंगस का मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में पहला मामला है. (होशंगाबाद से जितेंद्र वर्मा की र‍िपोर्ट) 

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इटारसी के डॉ. प्रताप वर्मा 14 अप्रैल को कोविड पॉजिटिव हुए. उन्हें नर्मदा अपना हॉस्प‍िटल में भर्ती किया गया.

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उपचार के बाद डॉ. वर्मा कोरोना से ठीक हो गए लेकिन उनकी आंखों में ब्लैक फंगस आ गया. इंफेक्शन इतना तेजी से बढ़ा की डॉ. वर्मा की एक आंख की रोशनी चली गई.

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पीड़ित डॉ. वर्मा की हालत बिगड़ती जा रही है. उनकी आंखों का इंफेक्शन बढ़ता जा रहा है. पिछले दिनों डॉ. वर्मा की मां भी कोरोना से पीड़ित थीं. काफी इलाज के बाद भी वह ठीक नहीं हो पाईं और अंत में एक द‍िन उनकी मौत हो गई. 

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नर्मदा अपना अस्पताल के संचालक डॉक्टर राजेश शर्मा ने बताया क‍ि ब्लैक फंगस हमेशा कान और नाक में रहता है. कोरोना पीड़ित की इम्युन‍िटी कम होने से यह हावी हो रहा है. खासकर डायब‍िटीज के पेशेंट को अधिक खतरा है. यह नाक से होकर जबड़े और मस्त‍िष्क में पहुंच रहा है. मरीज को स‍िर में दर्द या खराश का अभ्यास हो तो तुरंत डॉक्टर का परामर्श लें.

इस बारे में मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बताया क‍ि ब्लैक फंगस के संक्रमण की घटनाएं सामने आ रही हैं जो बहुत भयानक है. यह चिंता का विषय है इसमें नाक, मुंह, दांत, आंख मस्तिष्क और बाकी अंग भी संक्रमित हो जाते हैं. अभी तक प्रदेश में 50 रोगियों की की पुष्टि हुई है. इसके इलाज के प्रोटोकॉल के अनुसार उपचार सुनिश्चित किया जाये.

इस बीमारी के कारण, लक्षण पर प्रारंभिक अवस्था में ही ध्यान देने की आवश्यकता है. उपचार महंगा होता है इंजेक्शन महंगे लगते हैं. इसलिए राज्य शासन ऐसे पेशेंट को भरपूर सहयोग करेगा. जो आर्थिक दृष्टि से कमजोर हैं, उनके नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करने का पूरा प्रयास करेंगे.

वहीं, ब्लैक फंगस के बढ़ते खतरे के बीच चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बुधवार को अमेरिकी विशेषज्ञों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिए बात की और इसके लक्षणों के साथ-साथ कैसे ब्लैक फंगस बीमारी से निपटा जाए इस पर सुझाव मांगे. बैठक के बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि इस वर्चुअल बैठक में अमेरिका के डॉक्टर मनोज जैन भी जुड़े थे. इसमें तय किया गया है कि प्रदेश में देश के पहले म्यूकोरमाइक्रोसिस यूनिट खोली जाएगी जहां ब्लैक फंगस के शिकार लोगो को भर्ती किया जाएगा और उनका उपचार भी होगा. शुरुआत में भोपाल और जबलपुर में 10-10 बेड की यूनिट शुरू की जाएगी.

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