एक स्टडी के अनुसार गर्मी और उमस कोरोना वायरस कोविड-19 का कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे. गर्म मौसम से कोरोना वायरस खत्म होने वाला नहीं है. ये ऐसे ही दुनिया भर पर कहर बरपाता रहेगा. (फोटोः रॉयटर्स)
दुनिया भर में हुई इस स्टडी में 144 देश शामिल थे. इसमें मुख्य रूप से अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिक शामिल थे. यह स्टडी कनैडियन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल में प्रकाशित हुई है. इस स्टडी में से चीन, इटली, ईरान और साउथ कोरिया को हटाया गया है क्योंकि यहां पर या केस बहुत ज्यादा हैं. या फिर बहुत कम. (फोटोः रॉयटर्स)
कनाडा के सेंट माइकल हॉस्पिटल और टोरंटो यूनिवर्सिटी के रिसर्चर पीटर जूनी ने बताया कि हमारी स्टडी में कोरोना वायरस को रोकने के लिए दुनियाभर में किए जा रहे प्रयासों को भी शामिल किया गया है. ताकि यह पता किया जा सके कि बीमारी के फैलने और रोकथाम की दर कितनी है. (फोटोः रॉयटर्स)
पीटर जूनी ने बताया कि हमने 7 मार्च से 13 मार्च तक पूरी दुनिया में ऊंचाई, तापमान, उमस, बंद स्कूल, प्रतिबंधों, सामूहिक आयोजनों को संक्रमण से जोड़कर विश्लेषण किया तो पता चला कि गर्मी और उमस का इस वायरस की रोकथाम से कोई संबंध नहीं है. (फोटोः रॉयटर्स)
जूनी ने बताया कि हमें पहले की गई छोटी स्टडी से पता चला था कि गर्मी और उमस से कोरोना वायरस की गति थमेगी. लेकिन जब हमने स्टडी का स्तर बढ़ाया और कई बार बड़े पैमाने पर स्टडी की तो परिणाम पहले से उल्टे आए. यानी गर्मी और उमस का कोरोना पर कोई असर नहीं है. (फोटोः रॉयटर्स)
लेकिन, स्कूल बंद करना, सामूहिक आयोजनों पर प्रतिबंध और सोशल डिस्टेंशिंग काम आया. इनकी वजह से कोरोना वायरस का संक्रमण काफी रुका है. इस अध्ययन को करने वाले दूसरे रिसर्चर प्रोफेसर डियोनी जेसिंक ने कहा कि गर्मी के मौसम से कोरोना डरने वाला नहीं है. (फोटोः रॉयटर्स)
प्रो. डियोनी जेसिंक ने कहा कि बेहतर होगा कि अगर लोग कोरोना वायरस के समय में घरों में रहें. सोशल डिस्टेंसिंग और हाइजीन का पूरा ख्याल रखें. जितना ज्यादा इन चीजों का ध्यान रखा जाएगा, उतना ही दुनिया सुरक्षित रहेगी और इस पर रहने वाले इंसान भी. (फोटोः रॉयटर्स)