42 लाख से ज्यादा कोरोना संक्रमित लोग हैं भारत में. दुनिया में भारत के ऊपर सिर्फ एक ही देश है जो सबसे ज्यादा कोरोना पीड़ित है. वह है अमेरिका. अमेरिका और भारत के बीच करीब 20 लाख का अंतर है लेकिन भारत में जितनी तेजी से कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है, उससे लगता है कि जल्द ही भारत अमेरिका को भी पीछे छोड़ देगा. दूसरे नंबर पर आ ही गया है. आखिरकार भारत दूसरे नंबर पर आया कैसे? यह एक बड़ा सवाल है. आइए जानते हैं इसके पीछे की वजहों को...
कोविड19इंडिया डॉट ओआरजी और एसबीआई के आंकड़ों के मुताबिक पिछले कुछ हफ्तों में भारत ने प्रतिदिन सामने आने वाले कोरोना मामलों का रिकॉर्ड कई बार तोड़ा है. देश के कई शहरी इलाकों में जहां इस महामारी को नियंत्रित किया जा रहा है, वहीं ग्रामीण इलाकों में यह तेजी से बढ़ रहा है. वहीं, कुछ राज्यों में कोरोना की दूसरी लहर भी आई है.
पिछले महीने कुछ राज्यों में प्रतिदिन आने वाले कोरोना केसेस में भी कमी आई है, कहीं रुक गई है संख्या तो कहीं बढ़ रही है. बिहार में अगस्त में प्रतिदिन आने वाले कोरोना केस ने उच्चतम 4000 नए केस का आंकड़ा छुआ था. यह सितंबर महीने में घटकर 2000 प्रतिदिन तक आ गया है. यानी बिहार में कोरोना के नए मामलों में कमी आई है.
दिल्ली में टेस्टिंग बहुत तेजी से बढ़ाई गई थी. जून के अंत में 3000 केस प्रतिदिन आ रहे थे. जो अगस्त के शुरुआत में 1000 केस प्रतिदिन हो चुके थे. लेकिन सितंबर आते-आते दिल्ली में प्रतिदिन कोरोना के 2000 केस वापस रिपोर्ट हो रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि दिल्ली में कोरोनावायरस की दूसरी लहर आई है.
पिछले कुछ हफ्तों में भारत में 77.2 फीसदी रिकवरी रेट होने के बावजूद एक्टिव केसेस की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. एक महीने पहले एक्टिव केसेस 6.6 लाख के आसपास थे, जो अभी बढ़कर 8.86 लाख हो चुके हैं. जबकि, कुछ राज्यों में रिकवरी रेट एक्टिव केस से ज्यादा था. जैसे आंध्र प्रदेश यहां पर 6 सितंबर को 99,689 एक्टिव केस थे, जबकि रिकवरी रेट 100,800 था. यानी रिकवरी के 1191 केस ज्यादा.
देश में कोरोना महामारी की शुरुआत से अब तक 5.1 करोड़ लोगों को टेस्ट किया जा चुका है. पिछले महीने से कुछ ज्यादा समय से प्रतिदिन 7 से 10 लाख टेस्ट हो रहे हैं. लेकिन अब भी कई राज्यों में यह टेस्ट करने का दर बेहद कम है. कुछ राज्यों में तो यह 31,175 टेस्ट प्रति दस लाख लोग है. प्रतिदिन टेस्ट करने के मामले में दिल्ली सबसे आगे है. यहां 89,961 टेस्ट प्रतिदिन हो रहे हैं. इसके बाद आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु हैं.
हाल ही में आई एसबीआई रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त के महीने में सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित 50 जिलों में 26 ग्रामीण जिले हैं. 1000 से कम मामलों वाले जिलों की संख्या तो कम हुई है लेकिन 5 से 10 हजार केस वाले जिलों की संख्या जुलाई महीने के बाद से बढ़ गई है. शहरी इलाकों में पिछले दो महीनों में कोरोना संक्रमित मामले कम हुए हैं लेकिन इसी दौरान ग्रामीण इलाकों में कोरोना केस बढ़े हैं.