पूरी दुनिया कोरोना संकट से जूझ रही है. इस महामारी की वजह से हजारों लोग प्रभावित हुए हैं. वहीं कई लोगों की जान भी जा चुकी है. इस वायरस के आगे विकसित देशों ने भी अपने घुटने टेक दिए हैं. भारत में भी यह वायरस लगातार अपने पैर पसार रहा है. इस बीच भारत ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है. एचएलएल (HLL) लाइफकेयर लिमिटेड ने कोरोनावायरस की एंटीबॉडी किट बना ली है जिससे कोरोना वायरस से लड़ने में मदद मिलेगी.
इस किट को एनआईवी (NIV) की तरफ से भी हरी झंडी मिल गई है. समाचार एंजेसी एएनआई के मुताबिक इस किट के इस्तेमाल की अनुमति भी मिल गई है. इस किट की मदद से मरीज के सीरम, प्लाज्मा और खून को लेकर एंटीबॉडी जांच की जाएगी. HLL लाइफकेयर लिमिटेड केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के तहत काम करती है.
बता दें, एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट किट में आमतौर पर मरीज के खून का सैंपल लिया जाता है. इस टेस्ट से मरीज के खून का रिजल्ट 15 से 20 मिनट में आ जाता है. इसके लिए मरीज की उंगली से ही सुई चुभोकर खून का सैंपल लिया जाता है. इसके जरिए ये पता लगाया जाता है कि संदिग्ध के खून में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी काम कर रहे हैं या नहीं.
यह टेस्ट उन लोगों के लिए काफी मददगार साबित होता है जिनके अंदर कोरोना वायरस के लक्षण शुरू में दिखाई नहीं देते. हालांकि, रैपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट किट आपको यह नहीं बताता कि आपको कोरोना वायरस का संक्रमण है या नहीं लेकिन इस टेस्ट की मदद से यह पता चल जाता है कि कोरोना के मामले किस इलाके में ज्यादा तेजी आगे बढ़ रहे हैं.
अगर मरीज का रैपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट निगेडिव आता है तो इसके बाद उसका आरटी-पीसीआर (RT-PCR) टेस्ट किया जाता है और आरटी-पीसीआर का रिजल्ट पॉजिटिव आता है तो मरीज को प्रोटोकॉल के अनुसार आइसोलेशन में रखकर इलाज किया जाता है. साथ ही उनके संपर्क में आए सभी लोगों को खोजा जाता है.