लॉकडाउन के दौरान IPS अफसर सिमाला प्रसाद की कविता मैं खाकी हूं... खूब पसंद की जा रही है. सिमाला प्रसाद, इंडियन पुलिस सर्विस (आईपीएस) में हैं और एक दबंग अफसर के तौर पर पहचान रखती हैं. वर्तमान में वो आईपीएस एसोसिएशन की सचिव हैं. वो Bollywood फिल्म में भी काम कर चुकी हैं. इसके अलावा IPS सिमाला प्रसाद डिंडौरी जिले में एसपी रह चुकी हैं. आइए जानें- सिमाला के बारे में कैसे उन्हें मिली फिल्म और कैसे आईपीएस से बॉलीवुड में बनाई पहचान.
बता दें कि सिमाला 2010 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं. खाकी वर्दी पहनने के बाद सिमाला के नाम से अपराधी खौफ खाते हैं. उन्होंने मध्यप्रदेश के डिंडौरी में एक एसपी के तौर पर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अपनी धमक बना दी थी.
उनके पिता डॉ भागीरथ प्रसाद पूर्व आईपीएस और सांसद रहे हैं. वहीं उनकी मां मेहरुन्निसा परवेज जानी मानी साहित्यकार हैं. मेहरुन्निसा को उनके उल्लेखनीय काम के लिए पद्मश्री से नवाजा जा चुका है.
बचपन में स्कूल में डांस और एक्टिंग में हमेशा आगे रहने वाली सिमाला ने सोचा नहीं था कि वो सिविल सर्विस में जाएंगी. सिमाला ने अपने एक इंटरव्यू में कहा कि घर के माहौल ने मेरे भीतर आईपीएस बनने की चाहत जगाई, मुझे लगता था कि देश की सेवा के लिए इससे अच्छा प्लेटफार्म नहीं हो सकता.
सिमाला ने आईपीएस बनने के लिए किसी भी कोचिंग संस्थान का सहारा नहीं लिया,
बल्कि सेल्फ स्टडी के जरिये ये मुकाम हासिल किया. उन्होंने भोपाल के
बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी से सोशियोलॉजी में पीजी के दौरान गोल्ड
मेडल भी हासिल किया. Bollywood फिल्म में काम कर चुकी हैं IPS सिमाला, सिमाला
की प्रारंभिक शिक्षा सेंट जोसफ कोएड स्कूल ईदगाह हिल्स में हुई उसके बाद
स्टूडेंट फॉर एक्सीलेंस से बीकॉम और बीयू से पीजी करके पीएससी परीक्षा
पास की. पहली पोस्टिंग डीएसपी के तौर पर हुई. इसी नौकरी के दौरान उन्होंने
आईपीएस की तैयारी करके उसमें सफलता पाई.
सिमाला ने बॉलीवुड में फिल्म अलिफ में काम किया है. उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि दिल्ली में फिल्म निदेशक जैगाम से उनकी मुलाकात हुई थी. वो अपनी फिल्म अलिफ के लिए किरदार तलाश रहे थे. जिसमें उन्होंने मुझे चांस दिया. ये फिल्म समाज को एक अच्छा संदेश देती है, यही सोचकर मैंने फिल्म ज्वाइन कर ली.
बता दें कि कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है. इस दौरान उन्होंने ये कविता लिखकर पुलिस अफसर के तौर पर अपने जज्बात जाहिर किए हैं. सोशल मीडिया में भी उनकी ये कविता खूब पसंद की जा रही है.