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कोरोना

पुणे में कोरोना से एक ही परिवार के 4 सदस्यों की 15 दिनों में मौत

पंकज खेळकर
  • पुणे,
  • 18 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 8:24 PM IST
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महाराष्ट्र में कोरोना महामारी की मौजूदा लहर कितनी घातक है, इसमें अपनों को खोने का दर्द क्या है ये कोई अरुण गायकवाड़ से पूछे. गायकवाड़ ने 15 दिन में कोरोना संक्रमण की वजह से अपने परिवार के चार सदस्यों को खो दिया. 

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47 साल के गायकवाड़ भारतीय वायुसेना से जुड़े हैं और टू विंग में सुपरिटेंडेंट है. वे लॉजिस्टिक्स की जिम्मेदारी 1994  से संभाल रहे हैं. 47 साल के अरुण ने पत्नी वैशाली (43) के साथ, दो सालों- अतुल जाधव(40) और रोहित जाधव (38), सास अलका (62) को भी कोरोना की इस लहर में हमेशा के लिए खो दिया. पारिवारिक कार्य के चलते एक स्थान पर जमा हुए जाधव परिवार के 4 सदस्यों की 15 दिन में कोरोना से मौत हुई, जिससे हंसता खेलता जाधव परिवार उध्वस्त हुआ है. 

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पुणे के धानोरी के रहने वाला जाधव परिवार पिछले महीने एक पारिवारिक रस्म को निभाने के लिए इकट्ठा हुआ था. दरअसल, जाधव परिवार के मुखिया की इस साल 15 जनवरी को मौत हुई थी. दो महीने बाद उसी से जुड़ी रस्म के लिए परिवार और रिश्तेदार 15 मार्च को इकट्ठा हुए थे.  उस वक्त रोहित को ठंड और खांसी की शिकायत हुई. कोरोना टेस्ट कराने पर उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. रोहित को आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया. 

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परिवार के बाकी सदस्यों और अन्य रिश्तेदारों में से भी एक के बाद एक कई की रिपोर्ट पॉजिटिव आई. 28 मार्च को अरुण की पत्नी वैशाली की भी तबीयत बिगड़ गई. ऐसे हालात में अरुण को आईसीयू बेड के लिए बहुत भागदौड़ करनी पड़ी वैशाली की 30 मार्च और रोहित की उसके चार दिन बाद मौत हुई. अरुण की सास अलका भी 4 अप्रैल को दुनिया से विदा हो गईं. तीन दिन पहले अरुण के दूसरे साले अतुल की भी मौत हो गई. 

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बता दें कि महाराष्ट्र देश में सबसे अधिक नए कोरोना केस रिपोर्ट करने वाला राज्य है. महाराष्ट्र में पुणे में पिछले कुछ दिन से हर दिन छह हजार से अधिक नए केस आ रहे हैं. ऐसे में लोगों को जहां गंभीर रूप से संक्रमित लोगों के लिए आईसीयू बेड्स, दवाओं के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है, वहीं जिनकी मौत हो जाती है उनका अंतिम संस्कार करना भी कम दुश्वारियों से नहीं भरा.  

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ऐसे में अरुण जैसे लोग जिन्हें एक साथ इतने अपनों को खोना पड़ा है, उनकी लोगों से यही अपील है कि इस महामारी को पूरी गंभीरता से लें. कोरोना सुरक्षा प्रोटोकॉल के जो भी नियम हैं उनका कड़ाई से पालन करें और खुद को सुरक्षित रखें. 

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