कोरोना वायरस के कहर से लोगों को बचाने के लिए कुछ लोग अपना सबकुछ दांव पर लगा रहे हैं. ऐसे ही मुंबई में दो दोस्त हैं जिन्होंने अपनी एसयूवी (SUV) बेचकर कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर मुफ्त में बांट रहे हैं. ताकि किसी कोरोना मरीज की ऑक्सीजन की कमी से मौत न हो. ये दोनों दोस्त हर दिन 15 से 20 सिलेंडर बांटते हैं.
मुंबई के मलाड में रहने वाले दो दोस्त शाहनवाज हुसैन और अब्बास रिजवी से कोरोना मरीजों का दर्द देखा नहीं गया. अब्बास रिजवी ने कहा कि मेरी गर्भवती कजिन सिस्टर की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई तो हमें लगा कि ऐसे न जाने कितने लोग होंगे, जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत है.
अब्बास ने बताया कि इसलिए हमने कुछ पैसे जुटाए और लोगों को सिलेंडर बांटने शुरू किए. हम सिर्फ 30 सिलेंडर ही बांट पाए थे लेकिन तभी पैसे कम पड़ने लगे. हम लगातार लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं दे पा रहे थे. तब शाहनवाज ने ऐसा कदम उठाया जो मैं सोच भी नहीं सकता था.
अब्बास रिजवी ने बताया कि मेरे दोस्त शाहनवाज ने अपनी एसयूवी कार बेच दी. उसके पैसों से हमने लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाना शुरू किया. अब हम हर दिन करीब 15 से 20 सिलेंडर बांट रहे हैं.
शाहनवाज ने बताया कि हम 24 घंटों तैयार रहते हैं कि अगर किसी को ऑक्सीजन सिलेंडर चाहिए तो तुरंत उसके पास पहुंचाया जाए. हमारे दरवाजे लोगों के लिए हमेशा खुले हैं. ऑक्सीजन सिलेंडर किसी धर्म या जाति को देखकर नहीं देते. जो आता है, जिसे जरूरत होती है, हम उसे तत्काल सिलेंडर देते हैं.
अब्बास और शाहनवाज ने कहा कि हमनें ऑक्सीजन सिलेंडर बांटने का काम पांच जून को शुरू किया है. अब तक हम 250 से ज्यादा ऑक्सीजन सिलेंडर बांट चुके हैं.
शाहनवाज ने अपनी फोर्ड एंडेवर एसयूवी बेच दी. शाहनवाज ने अपनी कार में एक्स्ट्रा पैसे देकर प्रीमियम 007 लिया था. साथ ही उसमें कस्टमाइज्ड म्यूजिक सिस्टम लगवाया था. (फोटोः गेटी)
शाहनवाज और अब्बास ने लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर बांटने के लिए पहले सोशल मीडिया कैंपेन चलाया. लोगों को जोड़ा. सबको बताया कि हम ये काम कर रहे हैं अगर किसी को जरूरत हो तो हमसे ले सकते हैं. हमारे साथ कुछ वॉलंटियर्स भी जुड़े हैं. (फोटोः गेटी)
शाहनवाज कहते हैं कि अगर किसी की जिंदगी बचाने के लिए एसयूवी बेचनी पड़ी तो कोई दिक्कत नहीं है. अगर किसी एक परिवार का कोई मरीज मेरे दिए गए ऑक्सीजन सिलेंडर से बच जाता है तो ये मेरे लिए सबसे बड़ी खुशखबरी होगी. मुझे राहत मिलेगी. (फोटोः गेटी)