कोरोना के म्यूटेशन से तैयार होने वाला वायरस अब दुनियाभर में हावी हो रहा है. अमेरिका के टेक्सास के हॉस्पिटल में भर्ती हुए 5 हजार कोरोना मरीजों पर की गई स्टडी में पता चला है कि 99.9 फीसदी केस के लिए कोरोना का बदला रूप यानी D614G जिम्मेदार है.
ऐसा समझा जा रहा है कि कोरोना वायरस का नया रूप मूल वायरस से अधिक संक्रामक है. स्टडी के दौरान रिसर्चर्स ने पांच हजार केस के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस स्ट्रेन का विश्लेषण किया. सबसे पहले यूरोप में कोरोना वायरस के D614G स्ट्रेन फैलने की जानकारी सामने आई थी.
पहली बार फरवरी में कोरोना वायरस D614G स्ट्रेन की जानकारी मिली थी. लेकिन फिर यह स्ट्रेन यूरोप से अमेरिका और एशियाई देशों में भी कुछ ही हफ्ते में फैल गया. वैज्ञानिक अब भी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्यों SARS-CoV-2 का यह रूप दुनिया के बड़े हिस्से में तेजी से फैला.
महामारी के शुरुआती दिनों में D strain वायरस से अधिक लोग संक्रमित हो रहे थे. लेकिन, मार्च तक D614G स्ट्रेन दुनिया के विभिन्न हिस्सों में फैल गया था और कुल संक्रमण में एक चौथाई मामलों के लिए जिम्मेदार था. मई तक D614G स्ट्रेन वाले केस की संख्या 70 फीसदी हो गई. अब दुनिया के कुल कोरोना मामलों में 85 फीसदी से अधिक D614G स्ट्रेन के ही बताए जा रहे हैं.
वहीं, अगस्त में सिंगापुर नेशनल यूनिवर्सिटी के सीनियर कंसलटेंट पॉल तांबयाह ने कहा था कि D614G स्ट्रेन अधिक संक्रामक है, लेकिन मूल वायरस की तुलना में कम जानलेवा है. बता दें कि दुनिया में अब तक कोरोना के कुल मामलों की संख्या 4.7 करोड़ से अधिक हो चुकी है.