ब्रिटेन में हुई एक स्टडी में पता चला है कि हॉस्पिटल से रिकवर होकर निकलने के बाद भी कोरोना मरीजों की मौत हो रही है. ब्रिटेन के मरीजों के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि हॉस्पिटल से निकलने के बाद 140 दिन के भीतर हर आठ में एक कोरोना मरीज की मौत हो गई. (फाइल फोटो)
ब्रिटिश टेलिग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, जितने कोरोना मरीजों को हॉस्पिटल से छुट्टी दी गई थी, उनमें से एक तिहाई मरीजों को पांच महीने के भीतर दोबारा हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा. इन मरीजों के शरीर में कई प्रकार की दिक्कतें होने लगी थीं.
लीसेस्टर यूनिवर्सिटी और ऑफिस फॉर नेशनल स्टैटिस्टिक्स की ओर से की गई स्टडी में पता चला है कि ब्रिटेन में कोरोना की पहली लहर के दौरान ब्रिटेन में 47,780 लोगों को हॉस्पिटल से घर भेजा गया था. इनमें से 29.4 फीसदी मरीज 140 दिन के भीतर हॉस्पिटल वापस आए, जबकि 12.3 फीसदी मरीजों की मौत हो गई. फिलहाल ब्रिटेन में सरकार किसी मरीज की मौत को 'कोरोना से हुई मौत' तभी मानती है जब पॉजिटिव होने के 28 दिन के भीतर व्यक्ति का निधन हो जाए.
ब्रिटेन की यह स्टडी इस बात की पुष्टि करती है कि कई लोगों के लिए कोरोना का लॉन्ग टर्म इफेक्ट काफी खतरनाक हो सकता है. कोरोना की चपेट में आने के बाद कई लोगों में हर्ट की दिक्कत, डायबिटीज, लिवर और किडनी की समस्याएं होने लगती हैं.
लीसेस्टर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और स्टडी के लेखक कमलेश खुंटी ने कहा कि हॉस्पिटल से रिकवर होकर बाहर निकलने वाले कोरोना मरीजों के ऊपर की गई यह अब तक की सबसे बड़ी स्टडी है. हालांकि, इस स्टडी का रिव्यू किया जाना अभी बाकी है और शुरुआती डेटा के आधार पर यह विश्लेषण किया गया है.