Advertisement

कोरोना

एक साथ कई कोरोना वैक्सीन हो सकती हैं सफल, ऑक्सफोर्ड की प्रोफेसर बोलीं

aajtak.in
  • 31 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 2:48 PM IST
  • 1/5

ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से तैयार की गई कोरोना वैक्सीन के तीसरे राउंड का ट्रायल जारी है. दुनियाभर के लोगों को इस वैक्सीन के सफल होने का इंतजार हैं. वहीं, ऑक्सफोर्ड की टीम लगातार मेहनत कर रही है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में वैक्सिनोलॉजी की प्रोफेसर सारा गिलबर्ट को अपनी टीम के साथ कोरोना वैक्सीन पर काम करते हुए सात महीने से अधिक हो चुके हैं. उन्होंने वैक्सीन निर्माण से जुड़े अपने अनुभव शेयर किए हैं.

  • 2/5

58 साल की हो चुकीं सारा के पास विभिन्न वैक्सीन पर काम करने का 25 साल का अनुभव है. वह तीन बच्चों की मां भी हैं. सारा कहती हैं कि अब सभी बच्चे यूनिवर्सिटी में पहुंच चुके हैं और अगर रात में 4 घंटे भी उनके साथ बिता लेती हूं तो लगता है सही कर रही हूं.

  • 3/5

तेजी से वैक्सीन पर काम करने को लेकर सारा कहती हैं कि इस बार एक अच्छी चीज रही कि ट्रायल के दौरान टीका लगाने के लिए लोग पहले से तैयार थे. वॉलेंटियर्स के लिए इंतजार नहीं करना पड़ा. सारा यह भी कहती हैं कि कोरोना वायरस के आने से पहले से ही उनकी टीम ऐसी परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार थी. उनकी टीम पहले से ही एक अन्य कोरोना वायरस (MERS) पर काम कर रही थी.

Advertisement
  • 4/5

वैक्सिनोलॉजी की प्रोफेसर सारा गिलबर्ट कहती हैं कि अब तक कोरोना वायरस से जुड़ा जो भी डाटा सामने आया है, इसके आधार पर यह कहा जा सकता है कि आने वाले कुछ साल में म्यूटेशन ऐसा नहीं होगा कि वैक्सीन बेअसर हो जाए. सारा ने कहा कि अगर एक वैक्सीन प्रभावी साबित हो जाती है तो अन्य वैक्सीन से उसकी तुलना की जा सकेगी, फिर तय किया जा सकेगा कि कौन किससे बेहतर है. फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि एंटीबॉडी की कितनी मात्रा संक्रमण से रोकने में कारगर होती है. 

  • 5/5

सारा गिलबर्ट कहती हैं कि समय निकला जा रहा है और हो सकता है कि ट्रायल के नतीजे से रेग्यूलेटर्स खुश ना हों. हालांकि, यह ट्रायल पूरा होने के बाद ही पता चलेगा, लेकिन सैद्धांतिक रूप से इसकी काफी संभावना है कि हमें कोरोना वायरस से बचाव के लिए कई वैक्सीन मिल जाएंगी. अगर ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन काम करती है तो अन्य वैक्सीन भी प्रभावी होंगी.

Advertisement
Advertisement