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कोरोना

फिर चलने वाली है आपकी बचत पर कैंची! RBI के फैसले का ये होगा नुकसान

aajtak.in
  • 17 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 8:32 PM IST
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केंद्रीय रिजर्व बैंक कोरोना वायरस की वजह से लड़खड़ाई हुई इकोनॉमी को बूस्ट देने के लिए तमाम कोशिशें कर रहा है. यही वजह है कि शुक्रवार को केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने एक बार फिर कई बड़े ऐलान किए.

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इसमें सबसे बड़ा ऐलान रिवर्स रेपो रेट में कटौती का है.  आरबीआई ने ये फैसला बाजार में नकदी के फ्लो को बरकरार रखने के लिए लिया है. दरअसल, इससे बैंकों की ओर से आरबीआई को जमा की गई रकम पर कम ब्याज मिलेगा.

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ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि बैंक इस जमा राशि को निकाल कर अधिक मुनाफे के लिए बाजार में निवेश करेंगे. इसका मतलब ये हुआ कि बैंक ग्राहकों को लोन आसानी से देंगे.

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वहीं बाजार में नकदी की उपलब्धता बढ़ेगी.  आरबीआई के इस फैसले से नकदी का संकट तो दूर हो सकता है लेकिन ग्राहकों की बचत पर कैंची भी चल सकती है.

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दरअसल, रिवर्स रेपो रेट कटौती के बाद इस बात की आशंका है कि बैंक एक बार फिर आपके फिक्स्ड डिपॉजिट समेत अन्य सेविंग्स पर कटौती कर दें.

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इसके पीछे ये तर्क दिया जाता है कि जब बैंकों की ओर से बाजार में नकदी का फ्लो बढ़ाया जाएगा तो ये आशंका है कि ग्राहक कर्ज लेकर निवेश की ओर रुख कर सकते हैं. इससे बाजार में नकदी को बरकरार रखने का मकसद नाकाम हो सकता है.

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इसके अलावा बैंकों की आर्थिक सेहत भी दुरुस्त रखने के लिए बचत पर ब्याज दर में कटौती की जा सकती है.  बता दें कि फिक्स्ड डिपॉजिट या एफडी को बचत पर मुनाफे का एक पारंपरिक जरिया माना जाता है.

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इसके अलावा सेविंग्स अकाउंट में भी पैसे रखकर लोग मुनाफा कमाते हैं. लेकिन बीते कुछ समय से इस बचत पर बैंकों की ओर से लगातार कटौती की जा रही है. वहीं सरकार की ओर से भी कई सेविंग्स स्कीम पर कैंची चलाई गई है.
  

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