दुनिया भर के कई साइंटिस्ट्स को इस बात की आशंका है कि अमेरिका में अगले कुछ हफ्तों में कोरोना वायरस की चौथी लहर आएगी. अमेरिका को इस संक्रामक लहर से राहत गर्मियों में मिलेगी. अब लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या ये नई दुनिया में नए वायरस की शुरुआत है. या फिर पुराने कोरोना वायरस का अंत होगा. साइंटिस्ट्स ने इसके पीछे एक बड़ी वजह भी बताई है. साथ ही ये भी बताया है कि इसे कैसे रोका या नियंत्रित किया जा सकता है. (फोटोःगेटी)
द न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित खबर के अनुसार अमेरिका के साइंटिस्ट्स का मानना है कि उनके देश में कोरोनावायरस को लेकर लगाए गए प्रतिबंधों में जो छूट दी जा रही है या दी जाने वाली है, उसकी वजह से पूरे देश में कोरोना वायरस की चौथी लहर आ सकती है. क्योंकि अमेरिकी लोग अब भी कोरोना वायरस को कमजोर मान रहे हैं. (फोटोःगेटी)
अमेरिका में अभी तक सिर्फ दो वैक्सीन लोगों को दी जा रही हैं. पूरे देश में कोरोना वैक्सीनेशन की प्रक्रिया तेजी से चल रही है. उम्मीद है कि बहुत जल्द ही तीसरी वैक्सीन भी अमेरिका के लोगों को दी जाएगी. इसकी वजह से कोरोना वायरस की चौथी लहर का असर कम हो सकता है लेकिन उसे आने से कोई रोक नहीं पाएगा, अगर प्रतिबंधों में दी गई छूट का अमेरिकी लोगों ने गलत उपयोग किया तो. (फोटोःगेटी)
इस समय अमेरिका के दो हिस्सों में कोरोना वायरस के दो नए वैरिएंट सामने आ चुके हैं. पहला कैलिफोर्निया में और दूसरा न्यूयॉर्क शहर में. दोनों जगहों पर ये वायरस काफी तेजी से लोगों को संक्रमित कर रहा है. कोरोना वायरस का ज्यादा संक्रामक और नया वैरिएंट सबसे पहले ब्रिटेन में मिला था. उसके बाद ऐसे ही नए वायरस दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में भी मिले. (फोटोःगेटी)
वैज्ञानिकों को ये नहीं पता है कि कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन यानी वैरिएंट्स पर वर्तमान में मौजूदा वैक्सीन का कितना असर होगा. वह कितनी देर पुराने और नए स्ट्रेन को रोकने में सक्षम होगी. पूरी दुनिया के लोगों में कोरोना को लेकर इम्यूनिटी कब तक आएगी. कितने दिनों तक सामुदायिक स्तर पर लोग अपने बिजनेस, स्कूल, ऑफिस बंद करके रख सकेंगे. (फोटोःगेटी)
पिछले साल की तरह अब कोरोना वायरस के किसी भी स्ट्रेन से लोगों की मौत नहीं होगी. क्योंकि तब तक दुनिया के करोड़ों लोगों को वैक्सीन लग चुकी होगी. लेकिन अगर अमेरिकी लोगों ने अपनी सुरक्षा का ध्यान नहीं दिया तो उन्हें कोरोना के नए स्ट्रेन से संघर्ष करना पड़ सकता है. या फिर पुराने स्ट्रेन की चौथी लहर से जूझना पड़ सकता है. (फोटोःगेटी)
लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के एपिडेमियोलॉजिस्ट एडम कुचार्स्की कहते हैं कि चौथी लहर का मतलब मुझे नए स्ट्रेन्स की वजह से फैले संक्रमण का ही ख्याल आता है. नए स्ट्रेन्स का होना मतलब एक महामारी के अंदर ही दूसरी महामारी का फैलना. एडम ने बताया कि अमेरिका में 5 लाख लोगों की मौत हो चुकी है. बुधवार को 2.83 करोड़ लोगों के संक्रमित होने का डेटा सामने आया था. (फोटोःगेटी)
एडम ने बताया कि लेकिन अब अमेरिका में कोरोना से संक्रमित होने की दर में पिछले दो हफ्ते में 35 फीसदी की गिरावट आई है. अस्पतालों में भर्ती होने वाले कोरोना मरीजों की संख्या में 31 फीसदी की कमी है, जबकि मरने वालों की दर में 16 फीसदी की कमी आई है. इन सबके बावजूद बुधवार यानी 24 फरवरी को अमेरिका में 3210 लोगों की मौत कोरोना की वजह से हुई. (फोटोःगेटी)
हार्वर्ड टीएच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के संक्रामक रोग एक्सपर्ट मार्क लिप्सि्टच कहते हैं कि अगर कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को लेकर ट्रेंड नीचे गिर रहा है, लेकिन ऐसे समय में भी अधिक लोगों की मौत हो रही है, तो ये गलत दिशा है. ये सही नहीं है. कई बार नीचे जाता हुआ ग्राफ किसी ऐसी वजह से ऊपर आने लगता है जिसे हम खुद नियंत्रित कर सकते हैं. (फोटोःगेटी)