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कोरोना

ये हैं वो वैक्सीन जो इंसानों को बचा सकती हैं कोरोना वायरस से

aajtak.in
  • 08 मई 2020,
  • अपडेटेड 11:17 AM IST
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कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया खस्ताहाल है. लोगों को सबसे ज्यादा जरूरत है पुख्ता इलाज की. दुनिया भर में कोरोना वायरस को नष्ट करने के लिए कई प्रकार के प्रयोग चल रहे हैं. वैक्सीन को लेकर, दवाओं को लेकर और इम्यूनिटी को लेकर. लेकिन अभी तक कोई ये नहीं बता पाया कि वैक्सीन कब तक बनकर तैयार होगी. वो कौन सी वैक्सीन होगी, जिससे लोगों का इलाज होगा. जो पूरी दुनिया को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाएगी. (फोटोः रॉयटर्स)

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आपको बता दें कि दुनिया भर में कोरोना वायरस कोविड-19 की वैक्सीन के लिए वैज्ञानिकों की करीब 90 टीम काम कर रही हैं. सभी अलग-अलग स्तर पर पहुंच चुकी हैं. लेकिन इनमें से सिर्फ 6 ऐसी हैं जो अपने लक्ष्य के करीब हैं. जिसे ह्यूमन ट्रायल यानी इंसानों पर परीक्षण कहते हैं. आइए जानते हैं इन 6 वैक्सीन के बारे में कि ये कहां बन रही हैं? कौन बना रहा है और ये क्या करेंगी? (फोटोः रॉयटर्स)

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सबसे पहले वहां चलते हैं, जहां से बीमारी फैली

चीन में इस समय तीन टीकों का ह्यूमन ट्रायल चल रहा है. आइए जानते हैं ये वैक्सीन कौन-कौन से हैं...

1. AD5-nCoV वैक्सीन

चीन की कंपनी कैंसिनो बॉयोलॉजिक्स ने 16 मार्च से ही अपने परीक्षण शुरू कर दिए थे. कैंसिनो के साथ चीन के एकेडमी ऑफ मिलिट्री मेडिकल साइंसेज और इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी भी काम कर रही है. इस कंपनी ने कोरोना के इलाज में वायरस को काटने के लिए वायरस का उपयोग किया है. इंसान के शरीर में आंखों, सांस की नली, फेफड़े, आंतों और नर्वस सिस्टम में संक्रमण का कारण बनने वाले वायरस एडेनोवायरस का उपयोग किया जा रहा है. चीन इस एडेनोवायरस को शरीर में डालकर कोशिका के उस प्रोटीन के सक्रिय कर देगा जो कोरोना वायरस से लड़ेगा. इससे इम्यूनिटी भी बढ़ेगी. (फोटोः रॉयटर्स)

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2. LV-SMENP-DC वैक्सीन

चीन के शेंझेन जीनोइम्यून इंस्टीट्यूट ने एक वैक्सीन तैयार की है जो HIV के लिए जिम्मेदार वायरस लेंटीवायरस पर आधारित है. इस कंपनी ने उन कोशिकाओं की मदद ली है जो प्रतिरोधक क्षमता को सक्रिय करती हैं. ये कोशिकाएं शरीर में बाहरी वायरस के आते ही सक्रिय हो जाती हैं और उस पर हमला कर देती हैं. इसके हमले से या तो वायरस मारा जाता है, या फिर निष्क्रिय हो जाता है. (फोटोः AFP)

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3. तीसरी वैक्सीन बन रही है वुहान में

चीन के वुहान स्थित बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स इंस्टीट्यूट में ऐसी वैक्सीन बनाई जा रही है जो निष्क्रिय कोरोना वायरस से बनी होगी. चीन के वैज्ञानिकों ने इस निष्क्रिय कोरोना वायरस की जींस में ऐसे बदलाव किए हैं कि अब वो किसी शख्स को संक्रमित नहीं कर सकता. यह वैक्सीन बनाने की बेहद पारंपरिक विधि है. ज्यादातर वैक्सीन ऐसे ही बनाए जाते हैं. (फोटोः AFP)

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ब्रिटेन में चल रहा प्रयोग

4. ChAdOx1 वैक्सीन


ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में ChAdOx1 वैक्सीन को विकसित किया जा रहा है. यूरोप में पहला क्लीनिकल ट्रायल 23 अप्रैल को शुरू हुआ था. यहां भी वायरस से वायरस को काटने की तैयारी चल रही है. लेकिन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने चिंपाजी से लिए गए कमजोर एडेनोवायरस का उपयोग कर रहे हैं. इसमें कुछ जेनेटिक बदलाव किए गए हैं ताकि ये इंसानों के शरीर में जाकर उल्टा काम न शुरू कर दें.  (फोटोः AFP)

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अमेरिका भी बना रहा वैक्सीन

5. mRNA-1273 वैक्सीन


अमेरिका के मैसाच्युसेट्स में स्थित बायोटेक्नोलॉजी कंपनी मॉडर्ना थेराप्यूटिक्स ऐसी वैक्सीन बना रही है जो इंसानों की इम्यूनिटी यानी प्रतिरोधक क्षमता को कोरोना से लड़ने के लिए प्रशिक्षित करेगी. यह वैक्सीन कोरोना वायरस को शरीर में फैलने से रोकेगी. इसके लिए मॉडर्ना ने कमजोर और लगभग निष्क्रिय वायरस को इंसान के शरीर में डालने की तैयारी की है, ताकि शरीर इसके प्रति इम्यूनिटी विकसित कर ले. लेकिन मॉडर्ना ने इसके लिए कोरोना वायरस का उपयोग नहीं किया है. इसके लिए वैज्ञानिकों ने कोरोना का जेनेटिक कोड तैयार किया है. इसका एक छोटा सा हिस्सा शरीर में सुई से डाला जाएगा. जिसके बाद वह कोरोना वायरस से लड़ेगा. (फोटोः रॉयटर्स)

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6. INO-4800 वैक्सीन

अमेरिकी के पेंसिलवेनिया में स्थित फार्मा कंपनी इनोवियो ऐसी वैक्सीन तैयार कर रही है जिसमे मरीज की कोशिकाओं में प्लाज्मिड से सीधे डीएनए शरीर के अंदर इंजेक्ट करेगी. इससे मरीज के शरीर में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनने लगेंगे. इनोवियो एक जेनेटिक स्ट्रक्चर पर बदलाव करके इस बीमारी को ठीक करना चाहती है. क्योंकि अगर शरीर के अंदर जेनेटिकली इस बीमारी से लड़ने की क्षमता पैदा हो गई तो भविष्य में ये खतरा कभी नहीं आएगा. (फोटोः रॉयटर्स)

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दुनिया भर के साइंटिस्ट भले ही वैक्सीन की खोज में लगे हुए हों. लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि इनमें से कोई वैक्सीन काम करेगी या नहीं. बड़ी चुनौती वैक्सीन बनाना नहीं है. वैक्सीन को बड़े पैमाने पर उत्पादन करके लोगों तक पहुंचाना ज्यादा बड़ी चुनौती है. (फोटोः AFP)

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