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कोरोना

Concern 202012/01: नए साल से पहले खतरे का नया नाम बना कोरोना का नया वैरिएंट

aajtak.in
  • 30 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 2:45 PM IST
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कोरोना वायरस का नया वैरिएंट यानी नया स्ट्रेन नए साल से पहले खतरे का नया नाम बन गया है. इस वायरस के अब तक दो नाम रखे गए हैं. पहला ब्रिटेन ने रखा था B.1.1.7. अब इसका एक और नाम रखा गया है. इसे कहा जा रहा है 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न 202012/01' (Variant Of Concern 202012/01). अगर इसका हिंदी में मतलब देखें तो ये कहलाएगा 'चिंता का विषय 202012/01'. (फोटोःगेटी)

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वैरिएंट ऑफ कंसर्न 202012/01 (Variant Of Concern 202012/01) को वैज्ञानिक VOC 202012/01 भी बुला रहे हैं. जहां पूरी दुनिया एक तरफ कोरोना वायरस की वैक्सीन का इंतजार कर रही थी, वहीं कोरोना वायरस के इस नए रूप ने लोगों के न्यू ईयर सेलिब्रेशन पर भी रोक लगा दिया है. यह अब तक 25 देशों में फैल चुका है. इसकी वजह से 26 दिसंबर तक सिर्फ ब्रिटेन में करीब 3000 लोग संक्रमित हो चुके थे. अब यह संख्या और ज्यादा हुई होगी.  (फोटोःगेटी)

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वैरिएंट ऑफ कंसर्न 202012/01 (Variant Of Concern 202012/01) बेल्जियम, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, आइसलैंड, आयरलैंड, इटली, नीदरलैंड्स, नॉर्वे, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, हॉन्गकॉन्ग, SAR, भारत, इजरायल, जापान, जॉर्डन, लेबनान, दक्षिण कोरिया, स्विट्जरलैंड और सिंगापुर तक फैल चुका है. (फोटोःगेटी)

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यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीस प्रिवेंशन एंड कंट्रोल (ECDC) के अनुसार वैरिएंट ऑफ कंसर्न 202012/01 (Variant Of Concern 202012/01) अपने पिछले सारे वैरिएंट्स से कई गुना ज्यादा संक्रामक है. यह कितनी तेजी से संक्रमण फैलाएगा, साइंटिस्ट अब भी इस पर रिसर्च कर रहे हैं. लेकिन माना ये जा रहा है कि यह 52 से 70 फीसदी ज्यादा संक्रमण फैला सकता है. (फोटोःगेटी) 

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ECDC के साइंटिस्ट्स का मानना है कि वैरिएंट ऑफ कंसर्न 202012/01 (Variant Of Concern 202012/01) यूरोपीय देशों में काफी तेजी से फैल सकता है. हालांकि अभी तक यह बात पुष्ट नहीं हो पाई कि इस नए स्ट्रेन से कितनी गंभीर समस्याएं होंगी. क्योंकि जिन लोगों में ये स्ट्रेन मिला है, वो पुराने कोरोना मरीजों की तरह ही है. (फोटोः रॉयटर्स)

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वैरिएंट ऑफ कंसर्न 202012/01 (Variant Of Concern 202012/01) की वजह से एक दिक्कत बढ़ेगी. वो ये है कि इससे ज्यादा लोग संक्रमित होंगे, ज्यादा संख्या में लोग अस्पताल पहुंचेंगे. वहां इलाज के लिए डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ और बेड्स की कमी होगी. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि पूरी दुनिया में वैरिएंट ऑफ कंसर्न 202012/01 (Variant Of Concern 202012/01) की वजह से कोरोना वायरस की दूसरी बड़ी लहर आ सकती है. (फोटोः गेटी)

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वैरिएंट ऑफ कंसर्न 202012/01 (Variant Of Concern 202012/01) की वजह से ज्यादा दिक्कत बुजुर्ग लोगों को आएगी. क्योंकि इसका संक्रमण तेजी से फैलता है और तेजी से गंभीर अवस्था की ओर लेकर जाता है. अगर समय रहते सही इलाज नहीं किया गया तो ये खतरनाक भी साबित हो सकता है. (फोटोः गेटी)

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संक्रमण फैलने का डर इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि इस समय यूरोप समेत कई देशों में फेस्टिव सीजन है. नए साल की तैयारी चल रही है. साथ ही मौसम ठंडा है. सर्दियों के मौसम में वैरिएंट ऑफ कंसर्न 202012/01 (Variant Of Concern 202012/01) अपने पिछले वैरिएंट की तरह ही तेजी से फैलता है. (फोटोः रॉयटर्स) 

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ऐसा कहा जा रहा है कि इस साल कोरोना वायरस ने कुल 23 बार अपना रूप बदला है. यानी हर महीने करीब दो बार. यानी कुल मिलाकर 23 म्यूटेशन. इनमें से एक म्यूटेशन कोरोना वायरस के कांटेदार एस प्रोटीन में हुआ है. इसी प्रोटीन की वजह से कोरोना वायरस इंसानों की कोशिकाओं से जुड़ता है. अगर इसी तरह एस प्रोटीन में बदलाव यानी म्यूटेशन होता रहेगा तो कोरोनावायरस के नए और ज्यादा संक्रामक या खतरनाक रूप देखने को मिल सकते हैं. (फोटोः रॉयटर्स)

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दुनियाभर के वैज्ञानिकों को ये पता नहीं चल रहा है कि आखिरकार यूरोप में ही कोरोना वायरस का म्यूटेशन क्यों हुआ. जबकि, सबसे ज्यादा मरीज अमेरिका और भारत में हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिका और भारत में जीनोम सिक्वेंसिंग बेहद कम हुई है. इसलिए जानकारी नहीं मिल पा रही है. जबकि, यूरोप में जीनोम सिक्वेंसिंग की दर सबसे ज्यादा है. (फोटोः पीटीआई)

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