देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को हराने के डॉक्टर-नर्सिंग स्टाफ, पुलिस, मीडिया से लेके सफाईकर्मी तक हरेक के काम की चर्चा हो रही है. जो अपनी जान जोखिम में डालकर आम जनता के लिए सड़क पर निकलते हैं. ऐसी ही कोरोना वॉरियर IAS सृजना के कदम की हर तरफ चर्चा हो रही है. सृजना ने कोरोना संक्रमण के दौरान अपनी मैटरनिटी लीव छोड़कर 22 दिन की बच्ची को लेकर नौकरी ज्वाइन की थी. आइए जानें- कौन हैं IAS सृजना.
बता दें कि सृजना गुम्माला आंध्रप्रदेश कैडर की 2013 बैच की आईएएस अफसर हैं. उन्होंने आइएएस बनने से पहले सृजना ने अक्टूबर 2008 से सितंबर 2009 तक डॉ रेड्डी फाउंडेशन के साथ काम किया. आइए जानें कहां से और कितनी की है पढ़ाई.
जानकारी के मुताबिक सृजना मूलरूप से हैदराबाद की रहने वाली हैं. उन्होंने ओस्मानिया यूनिवर्सिटी हैदराबाद से मनोविज्ञान विषय में साल 2002 से 2005 के बीच बीए की डिग्री ली. वो पढ़ाई में हमेशा से कुशाग्र थीं.
इसके बाद साल 2005 में हैदराबाद यूनिवर्सिटी में एमए राजनीति विज्ञान में दाखिला लिया. यहां से 2007 में एमए की डिग्री ली. इसके अलावा उन्हें स्वीडन की Uppsala University से गोल्ड मेडल भी मिला है. साल 2007 में उन्होंने एसवी यूनिवर्सिटी तिरुपति से शोध छात्रा के रूप में दाखिला लिया था.
बता दें कि सृजना ने पीएचडी की पढ़ाई के साथ ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी. उन्होंने साल 2013 में यूपीएससी में 44वीं रैंक हासिल की थी. उनके पिता जी बालारमैया भी आईएएस अफसर हैं.
इसलिए चर्चा में आईं.
वर्तमान में ग्रेटर विशाखापटनम म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में कमिश्नर पद पर तैनात सृजना ने 22 दिन पहले ही बच्चे को जन्म दिया था. जिसके बाद से वो मेटरनिटी लीव पर थीं. जब लॉकडाउन घोषित किया गया तो उनकी सेवाओं की जरूरत थी तो वो ड्यूटी पर आ गईं. उन्होंने कहा कि अपना काम और अपने बच्चे की देखभाल पति और सास के सपोर्ट से अच्छे से कर रही हैं.
बता दें कि उनके पति रवितेजा पादिरी पेशे से वकील हैं. पहले दिन वो बच्चे को लेकर पहुंची, बाद में वो बेटे को घर पर ही छोड़कर ऑफिस आने लगीं. बच्चा मां के दूध पर निर्भर है तो इसलिए वो हर चार घंटे में घर जाकर उसे दूध पिला आती हैं.
आइएएस अफसर सृजना के काम की हर तरफ तारीफ हो रही है. ट्विटर से लेकर सोशल मीडिया में हर तरफ उनके समर्पण की चर्चा हो रही है. आइएएस एसोसिएशन ने भी उनके काम को सराहा है.
यहां देखें ट्वीट
बता दें कि सृजना म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन की कमिश्नर हैं. ऐसे दौर में निगम का काम और ज्यादा बढ़ गया है. विभाग में उनकी ही तरह कई अफसर दिन रात सेवा में जुटे हैं. ऐसे में उन्होंने वापस लौटकर एक नजीर पेश की है.
फोटो: सृजना और उनके पति के साथ
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