पूरी दुनिया को डराने वाले कोरोना वायरस को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक खुलासा किया है. यह खुलासा जानबूझकर इस समय किया गया है ताकि कोरोना वायरस के तेजी से फैलने को लेकर कोई अफवाह न फैलाए. लोग अलग-अलग जगहों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कह रहे हैं कि कोरोना हवा से फैलता है. (फोटोः गेटी)
WHO ने स्पष्ट किया है कि लोग इस बात को भूल जाएं कि कोरोना वायरस हवा से फैलता है. ये अफवाह है. कोविड-19 'एयरबॉर्न' बीमारी नहीं है. यानी यह हवा से नहीं फैलने वाली बीमारी नहीं है. एक अफवाह यह भी थी कि कोरोना हवा में 8 घंटों तक सक्रिय रहता है. (फोटोः रॉयटर्स)
WHO ने कहा है कि यह वायरस सिर्फ और सिर्फ नजदीकी शारीरिक संबंध या छींकने या खांसने के बाद हवा में तैरने वाले ड्रॉपलेट्स (बूंदों) के संपर्क में आने से फैलता है. यानी बीमार आदमी छींक या खांस दे तो उसके नाक-मुंह से निकली बूंदें दूसरे शख्स को संक्रमित कर सकती हैं. (फोटोः रॉयटर्स)
स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक 5 माइक्रोंस व्यास से छोटी छींक या खांसी की बूंदें हवा में करीब 30 मिनट तक तैरती रहती हैं. क्योंकि इनका वजन बहुत कम होता है. ऐसे में जैसे ही कोई इंसान या समूह इनके संपर्क में आता है तो वह कोरोना से संक्रमित हो जाता है. (फोटोः गेटी)
इससे बचने का एक ही तरीका है कि आप मास्क लगाकर रखें. बीमार व्यक्ति को भी मास्क लगाने की हिदायत दी जाए. ताकि उसकी वजह से अन्य लोग बीमार न हों. (फोटोः रॉयटर्स)
इससे बचने का एक तरीका यह भी है कि अगर आप किसी छींकते या खांसते हुए इंसान से करीब डेढ़ मीटर की दूरी बनाकर रखते हैं तो कोरोना वायरस के संक्रमण से दूर रह सकते हैं. (फोटोः गेटी)
यह महामारी सरफेस के जरिए भी जल्दी फैलती है. यानी खांसते या छींकते वक्त रोगी के ड्रॉपलेट्स यदि किसी जगह पर गिर जाएं और स्वस्थ्य व्यक्ति उसके संपर्क में आ जाए तो भी वह संक्रमित हो सकता है. (फोटोः गेटी)