कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया में अब तक 2.97 लाख से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. 43.45 लाख से ज्यादा लोग बीमार या संक्रमित हैं. लेकिन अभी तक इस वायरस को रोकने का तरीका नहीं खोजा जा सका है. इस बीच एक स्टडी में यह जानकारी सामने आई है कि कोरोना वायरस की वजह से पांच लाख एड्स मरीजों की मौत हो सकती है. (फोटोः AP)
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूएनएड्स (UNAIDS) ने मॉडलिंग स्ट्डी के अनुसार अनुमान लगाया है कि अफ्रीका के सब-सहारा इलाके में अगले 6 महीनों में 5 लाख ज्यादा एड्स मरीजों की मौत हो जाएगी. ऐसा हुआ तो यह 2008 में एड्स से मरने वालों का रिकॉर्ड तोड़ देगी. (फोटोः AFP)
2010 से लेकर अभी अफ्रीका में बच्चों में HIV संक्रमण की दर में 43 फीसदी की कमी आई थी. ऐसा हुआ था एंटीरेट्रोवायरल (ARV) थैरेपी की वजह से लेकिन अगर इन्हें दवा और थैरेपी सही समय पर नहीं मिली तो अगले छह महीनों में मोजाम्बिक में 37 फीसदी मरीज बढ़ जाएंगे. मलावी और जिम्बॉब्वे में 78-78 फीसदी और यूगांडा में 104 फीसदी बच्चे HIV संक्रमित हो सकते हैं. (फोटोः रॉयटर्स)
WHO और UNAIDS ने अपनी स्टडी में बताया है कि साल 2018 में सब-सहारन अफ्रीका में 2.57 करोड़ लोग एचआईवी (HIV) पीड़ित रह रहे थे. इनमें से 64 फीसदी एंटीरेट्रोवायरस (ARV) थैरेपी के सहारे जिंदा है. (फोटोः रॉयटर्स)
अब कोरोना वायरस फैलने के बाद इन इलाकों के हेल्थ सिस्टम की हालत खराब हो गई है. HIV क्लीनिक्स पर ARV की सप्लाई नहीं हो पा रही है. एड्स के मरीज अपनी दवा के डोज मिस कर रहे हैं. (फोटोः रॉयटर्स)
WHO ने बताया कि यह स्टडी बताती है कि धरती पर एड्स, टीबी, मलेरिया जैसी अन्य बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए कोरोना वायरस कितना खतरनाक है. ऐसी बीमारियों से परेशान लोग भले ही कोरोना ग्रसित न हो लेकिन वो किसी न किसी तरीके से ज्यादा दिक्कत में आ सकते हैं. (फोटोः रॉयटर्स)
WHO के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधनॉम घेब्रेसस ने दुख जताते हुए कहा कि यह रिपोर्ट एक अजीब सी स्थिति की तरफ ले जा रहा है. अफ्रीका में अगर एड्स से संबंधित बीमारियों की वजह से 5 लाख लोगों की मौत होती है तो यह हमें वापस इतिहास में धकेल देगा. (फोटोः AFP)
डॉ. टेड्रोस ने कहा कि हमें जागना होगा. सिर्फ कोरोना ही नहीं, इसकी वजह से अन्य बीमारियों से ग्रसित लोगों को भी बचाना होगा. डॉ. टेड्रोस ने दुनियाभर की कंपनियों और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों से कहा कि एड्स से संबंधित टेस्टिंग किट्स और दवाओं की मात्रा बढ़ाएं और अफ्रीका में लोगों की मदद करें. (फोटोः AFP)
अफ्रीका में HIV फैलने का खतरा भी बढ़ गया है, क्योंकि वहां कंडोम की कमी हो गई है. इसके अलावा ARV थैरेपी, टेस्टिंग किट्स आदि की भी कमी हो गई है. अफ्रीका में एड्स या HIV पीड़ित लोगों को तय समय पर ARV थैरेपी लेनी होती है. (फोटोः AFP)
अगर ARV थैरेपी पूरी नहीं होती तो HIV वायरस की मात्रा फिर शरीर में बढ़ने लगती है. अगर ऐसे में पीड़ित व्यक्ति किसी भी तरह से किसी अन्य शख्स को संक्रमित करता है तो एड्स मरीजों की संख्या भी बढ़ जाएगी. (फोटोः AFP)