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कोरोना

Coronavirus: चीन के वुहान से फिर आई दुनिया की चिंता बढ़ाने वाली खबर

aajtak.in
  • 27 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 12:49 PM IST
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चीन के जिस शहर में सबसे पहले कोरोना वायरस फैला था, वहां से फिर चिंता बढ़ाने वाली खबर सामने आई है. एक नई स्टडी में पता चला है कि वुहान के 4 फीसदी से भी कम लोगों में कोरोना वायरस की एंटीबॉडीज मौजूद हैं. इसका मतलब ये हुआ है कि वुहान कोरोना की इम्यूनिटी हासिल नहीं कर सका. 

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वुहान में पिछले साल दिसंबर में ही कोरोना के मामले सामने आ गए थे. इसी वजह से वुहान को कोरोना का एपिसेन्टर भी कहा जाता है. चूंकि कोरोना संक्रमण के काफी मामलों में किसी भी तरह के लक्षण नहीं होते, इसलिए ऐसा समझा जाता है कि आधिकारिक मरीजों के मुकाबले कहीं अधिक संख्या में लोग वुहान में भी संक्रमित हुए होंगे.
 

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लेकिन जामा नेटवर्क ओपन में प्रकाशित स्टडी में कहा गया है कि वुहान के ज्यादातर लोगों में कोरोना की इम्यूनिटी नहीं पाई गई या फिर अगर उनमें इम्यूनिटी तैयार भी हुई थी तो वह काफी कम थी. इस स्टडी के बाद कोरोना के खिलाफ हर्ड इम्यूनिटी की उम्मीद एक बार फिर टूटती नजर आ रही है.  

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चीन के तोंगजी हॉस्पिटल से जुड़े रिसर्चर्स ने 27 मार्च से 26 मई के बीच वुहान के 35 हजार से अधिक लोगों की एंटीबॉडीज की जांच की जिनमें पहले कोरोना की पुष्टि नहीं हुई थी. इनमें से किसी में भी 'सिर्फ IgM एंटीबॉडीज' नहीं मिलीं. IgM एंटीबॉडीज संक्रमण के तुरंत बाद शरीर में बनती हैं. वहीं, बाद में तैयार होने वाली IgG एंटीबॉडीज अधिक वक्त तक शरीर में रहती हैं. करीब 3.9 फीसदी लोगों में ये एंटीबॉडीज पाई गईं.

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वुहान चीन के हुबेई राज्य की राजधानी है. हुबेई में 68 हजार से अधिक लोग कोरोना की चपेट में आए थे. यहां के हालात इतने अधिक खराब हो गए थे कि अस्थाई तौर से दो हॉस्पिटल तैयार करने पड़े थे. हालांकि, बेहद कड़े लॉकडाउन के बाद चीन ने यहां वायरस पर काबू पा लिया था. मई में चीन ने वुहान के हर निवासी का कोरोना वायरस टेस्ट करने का फैसला किया था और 5 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों की जांच की गई थी. 

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