Advertisement

रूस अगले हफ्ते से वैक्सीन स्पुतनिक-V को लेकर शुरू करेगा स्टडी

रूस के सरकारी वित्तीय संस्थान रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) के मॉस्को के गामेल्या के नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने वेबसाइट लॉन्च करते हुए रिसर्च से जुड़ी तमाम जानकारियां सार्वजनिक की हैं.

रूस ने सबसे पहले कोरोना वैक्सीन बनाने का दावा किया (AP) रूस ने सबसे पहले कोरोना वैक्सीन बनाने का दावा किया (AP)
आशुतोष मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 21 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 1:36 AM IST

  • करीब 45 हजार वालंटीयर्स को लगाए जाएंगे टीके
  • रूस में 45 से अधिक मेडिकल सेंटर्स पर अध्ययन

कोरोना वायरस के खिलाफ जंग के लिए दुनिया में रूस ने सबसे पहले वैक्सीन बनाने का दावा किया है. हालांकि दुनिया के कई अन्य देश इस वैक्सीन की उपयोगिता पर सवाल उठा रहे हैं लेकिन रूस अपने इस वैक्सीन को लेकर आगे बढ़ रहा है. रूस अगले हफ्ते से वैक्सीन स्पुतनिक-V की प्रभावकारिता और सुरक्षा को लेकर अध्ययन शुरू करेगा.

Advertisement

रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-V का अगले हफ्ते से हजारों वॉलंटियर्स के टीकाकरण के साथ ही रूस में वैक्सीन की प्रभावकारिता, इम्युनोगैनेसी और सुरक्षा का एक पूर्व नियोजित पोस्ट-पंजीकरण, प्लेसबो-नियंत्रित मल्टीसेंटर क्लीनिकल ​​अध्ययन शुरू होगा. 45 से अधिक चिकित्सा केंद्रों में 40,000 से अधिक लोग अध्ययन में हिस्सा लेंगे.

ह्यूमन एडेनो वायरल वैक्सीन के लाभों के बारे में विवरण जानकारी 'स्पुतनिक-वी' वेबसाइट पर प्रकाशित की गई है.

रूस के सरकारी वित्तीय संस्थान रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) के मॉस्को के गामेल्या के नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने वेबसाइट लॉन्च करते हुए रिसर्च से जुड़ी तमाम जानकारियां सार्वजनिक की हैं.

आरडीआईएएस ने कई विदेशी संस्थानों को भी स्पुतनिक-V के क्लीनिकल ट्रायल और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रोडक्शन के लिए न्योता दिया है. साथ ही आरडीआईएएस ने दुनिया के पहले कोरोना वैक्सीन के बारे में sputnikvaccine.com पर ह्यूमन एडेनो वायरल वैक्सीन के बारे में एक सूचना सेक्शन शुरू किया है.

Advertisement

इसे भी पढ़ें --- सवालों-आलोचनाओं के बाद भी रूस कर रहा कोरोना वैक्सीन बनाने का काम

इस सेक्शन में ह्यूमन एडेनो वायरस और ह्यूमन एडेनोवायरल वैक्टर्स, उनके क्लीनिकल ट्रायल्स, तकनीकी मंच, इस दृष्टिकोण की स्थापित सुरक्षा, साथ ही विभिन्न बीमारियों के खिलाफ लड़ाई में उनके आवेदन के आधार पर वैज्ञानिक प्रकाशनों के लिंक दिए गए हैं.

ह्यूमन एडेनोवायरस या ह्यूमन एडेनोवायरल वैक्टर्स के आधार पर टीकों और दवाओं के क्लीनिकल टेस्टिंग में 20,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया.

इसे भी पढ़ें --- रूस ने किया कोरोना वैक्सीन बनाने का दावा, कोरोना की उल्टी गिनती शुरू!

हालांकि रूस एक तरफ सबसे पहली कोरोना वायरस वैक्सीन बनाने का दावा कर रहा है वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने रूस के दावों पर न सिर्फ सवाल खड़ा किया बल्कि यह भी कहा कि रूस की वैक्सीन उन 9 दावेदारों में से नहीं है जिन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मान्यता दी है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement