
देश में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में केंद्र सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने वैक्सीनेशन प्रोग्राम में और तेजी लाने के लिए दो और वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही एक दवा के इस्तेमाल को भी हरी झंडी दी गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने इस बात की जानकारी दी.
केंद्र सरकार ने ये कदम ऐसे वक्त में उठाया है जब देश में कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने कोरोना की दो वैक्सीन कोवोवैक्स और कोर्बीवैक्स के साथ-साथ एंटी वायरल दवा Molnupiravir के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दी है.
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ड्रग्स कंट्रोलर ने सोमवार को जिन दो कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दी है, उनमें पहली वैक्सीन कोर्बीवैक्स (Corbevax) है, जिसे हैदराबाद की फार्मा कंपनी Biological-E बनाया है. कोरोना के खिलाफ ये तीसरी स्वदेशी वैक्सीन है. वहीं, दूसरी वैक्सीन कोवोवैक्स (Covovax) है जिसे पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया बना रही है. कोवोवैक्स को अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स ने बनाया है, जिसका मैनुफैक्चर सीरम कर रही है.
जबकि, कोरोना की दवा Molnupiravir को देश की 13 कंपनियां बनाएंगी, जिसके इस्तेमाल कोरोना के वयस्क मरीजों पर किया जाएगा. इसे अभी उन्हीं मरीजों पर इस्तेमाल किया जाएगा जिन्हें ज्यादा खतरा होगा.
सरकार के इस फैसले का सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने स्वागत किया. उन्होंने बताया कि क्लीनिकल ट्रायल में कोरोना के खिलाफ कोवोवैक्स की एफिकेसी 90 फीसदी से ज्यादा रही है.
भारत में अब तक भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड, रूस की स्पुतनिक-वी, जायडस कैडिला की जायकोव-डी, बायोलॉजिकल-ई की कोर्बीवैक्स और सीरम इंस्टीट्यूट की कोवोवैक्स के आपात इस्तेमाल को मंजूरी मिल गई है.