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Explainer: Omicron के कहर के बीच आई फाइजर की दवा Paxlovid, कोरोना से मौत का खतरा करेगी कम

Covid-19 Drug Paxlovid Explainer: अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर ने वैक्सीन के बाद अब कोरोना की दवा भी बना ली है. इस दवा का नाम Paxlovid है. दावा है कि इस दवा के इस्तेमाल से अस्पताल में भर्ती होने और मौत होने के चांस बेहद कम हो जाते हैं.

फाइजर की इस दवा का कोर्स 5 दिन का होगा. (फाइल फोटो-AP/PTI) फाइजर की इस दवा का कोर्स 5 दिन का होगा. (फाइल फोटो-AP/PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 12:27 PM IST
  • अमेरिकी कंपनी फाइजर ने बनाई है दवा
  • ट्रायल में सुरक्षित साबित हुई है Paxlovid

कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variant) को लेकर दुनियाभर में चिंता है. ब्रिटेन, अमेरिका, इजरायल समेत कई देशों में ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. भारत में भी ओमिक्रॉन की रफ्तार तेज हो गई है. इसी बीच एक राहत की खबर अमेरिका से आई है, जहां कोरोना की दवा Paxlovid को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है. दावा है कि इस दवा को लेने के बाद मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने और मौत होने के चांस बेहद कम हो जाएंगे. 

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1. क्या है Paxlovid?

- Paxlovid कोरोना की दवा है, जिसे डॉक्टर की सलाह पर मरीजों को दिया जाएगा. इस दवा को अभी अमेरिका के फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने सिर्फ इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी है. ये दवा अमेरिकी कंपनी Pfizer ने बनाई है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस दवा को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बड़ा कदम बताया है.

2. किसे दी जाएगी ये दवा?

- ये दवा अभी सिर्फ उन मरीजों को दी जाएगी जिनकी उम्र 12 साल से ऊपर होगी और जिनका वजन कम से कम 40 किलो होगा. इसका मतलब ये हुआ कि अगर आपकी उम्र 12 साल के ऊपर है, लेकिन वजन 40 किलो से कम है तो ये दवा नहीं दी जाएगी. इस दवा का 5 दिन का कोर्स होगा. हालांकि, इस दवा को अभी तक कोरोना के लिए मंजूरी नहीं मिली है, लेकिन इसे इमरजेंसी के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है.

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3. फिर क्या वैक्सीन की जरूरत नहीं पड़ेगी?

- ऐसा नहीं है. Paxlovid कोरोना की वैक्सीन का सब्सटीट्यूट नहीं है. ये बस कोरोना की दवा है जो इसके इलाज में काम आएगी. वैक्सीन कोरोना से बचाने में काफी हद तक कारगर है. 

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4. कितनी सेफ है ये दवा?

- क्लीनिकल ट्रायल में ये दवा सुरक्षित साबित हुए है. एफडीए के मुताबिक, कंपनी ने क्लीनिकल ट्रायल में 18 साल से ऊपर के 2,100 लोगों को शामिल किया था. इसमें से 1,039 को Paxlovid दवा और 1,046 को प्लासबो दिया गया था. नतीजों के मुताबिक, Paxlovid मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने और मौत होने के खतरे को 88% तक कम कर देती है. इसके अलावा जिन लोगों को Paxlovid दी गई थी, उनमें से 0.6% ही थे जिन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी या मौत हुई. वहीं, प्लासबो कैंडिडेट में ये आंकड़ा 6% का था.

5. इस दवा के साइड इफेक्ट्स क्या हैं?

- इस दवा के भी कुछ साइड इफेक्ट्स हैं. एफडीए के मुताबिक, इस दवा को लेने के बाद टेस्ट गायब हो सकता है. डायरिया, बीपी बढ़ने और मांसपेशियों में खिंचाव जैसी समस्या आ सकती है.

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6. किन लोगों को ये दवा नहीं लेनी चाहिए?

- ये दवा उन लोगों को बिल्कुल नहीं लेनी चाहिए जिन्हें किडनी से जुड़ी कोई गंभीर बीमारी है. अगर आपको किडनी से जुड़ी कोई बीमारी है तो अपने डॉक्टर की सलाह पर ही ये दवा लें. हालांकि, एफडीए ने चेताया है कि किडनी की बीमारी से जूझ रहे लोगों को इस दवा के इस्तेमाल से बचना चाहिए.

7. क्या भारत में भी है ये दवा?

- नहीं. भारत में अभी Paxlovid दवा को कोई मंजूरी नहीं मिली है. इसे अभी सिर्फ अमेरिका में ही मंजूर किया गया है.

 

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