
कोरोना वारयरस के कारण पूरे भारत में लगे लॉकडाउन वाले काल में रेलवे तेज गति से दौड़ रहा है. अभी तक करीब 44 लाख प्रवासी मजदूरों को रेलवे 3,276 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से उनके घर पहुंचा चुका है. वहीं 1 जून से और 200 पैसेंजर ट्रेनों को चलाने का ऐलान कर चुका है. रेलवे ने इन ट्रेनों के लिए टिकट बुकिंग के दौरान छूट देने की भी बात कही है. साथ ही रेलवे ने रिफंड के लिए भी नियम बनाए हैं.
बता दें कि अभी तक गुजरात से 897, महाराष्ट्र से 590, पंजाब से 358, उत्तर प्रदेश से 232 और दिल्ली से 200 ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं. वहीं, जिन पांच राज्यों जहां से अधिकतम ट्रेनें रद्द की गई हैं वे उत्तर प्रदेश (1,428), बिहार (1,178), झारखंड (164), ओडिशा (128) और मध्य प्रदेश (120) हैं. रेलवे ने कहा कि इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) ने यात्रा कर रहे प्रवासियों के लिए 74 लाख से अधिक मुफ्त भोजन के पैकेट और एक करोड़ से अधिक पानी की बोतलें वितरित की हैं.
आइए जानते हैं टिकट बुकिंग से लेकर रिफंड तक के रेलवे के सभी नए नियम
अग्रिम आरक्षण की अवधि (ARP) अधिकतम 30 दिन होगी. यानी यात्री इन 200 ट्रेनों के लिए टिकट की बुकिंग यात्रा के दिन से 30 दिन पहले या 30 दिन के भीतर करा सकेंगे. जैसे 30 जून की यात्रा के लिए यात्री 1 जून से 30 जून तक टिकट करवा सकते हैं.
1. नियमित ट्रेनों की तरह इन ट्रेनों में सभी प्रकार के कोटे में टिकट बुकिंग की अनुमति दी गई है. इन विशेष ट्रेनों में दिव्यांगजनों को केवल चार श्रेणियों में रियायत होगी और रोगी यात्रियों को 11 श्रेणियों में रियायत होगी. साथ ही टिकट को कैंसिल करने पर सामान्य ट्रेनों की तरह ही नियम, 2015 लागू होगा.
2. ट्रेन के अंदर कोई चादर, कंबल और पर्दे उपलब्ध नहीं कराए जाएंगे. यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे यात्रा के लिए अपनी चादर स्वयं लेकर आएं. हालांकि, कोच के अंदर का तापमान इतना रखा जाएगा कि बिना चादर के दिक्कत न हो.
3. किसी भी प्रकार के भोजन का पैसा किराया में शामिल नहीं किया जाएगा. खाने के लिए प्री-पेड बुकिंग की सुविधा दी जाएगी. यात्रियों को अपना खाना और पानी ले जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. रेलवे स्टेशनों पर सभी स्टॉल खोल दिए जाएंगे. फूड प्लाजा और रिफ्रेशमेंट रूम आदि के मामले में, पकाए गए सामानों को यात्री ले सकेंगे लेकिन उन्हें वहां बैठकर खाने की इजाजत नहीं होगी.
4. सभी यात्रियों की अनिवार्य रूप से मेडिकल जांच की जाएगी और केवल पूर्ण रूप से स्वस्थ्य यात्रियों को ही ट्रेन में प्रवेश करने और यात्रा करने की अनुमति होगी. इस दौरान टिकट कैंसिल होने पर 10 दिन के भीतर पूरा रिफंड मिलेगा.
5. सभी यात्रियों को प्रवेश के दौरान और यात्रा के दौरान फेस कवर/मास्क पहनना अनिवार्य होगा. अपने गंतव्य स्टेशन पर पहुंचने के बाद यात्रियों को स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन करना होगा जो वहां के राज्य/केंद्रशासित प्रदेश द्वारा बनाए गए हैं. स्टेशन पर थर्मल स्क्रीनिंग की सुविधा के लिए यात्री कम से कम 90 मिनट पहले स्टेशन पहुंचेंगे. बीमार लोगों को यात्रा की अनुमति नहीं होगी.
6. इन 200 ट्रेनों के लिए टिकटों की बुकिंग खोल दी गई है. यात्री कहीं से भी टिकट बुक करवा सकते हैं. रेलवे ने ऑनलाइन, काउंटर से, कॉमन सर्विस सेंटर समेत तमाम विकल्पों को खोल दिया है.
7. पहले चार्ट को ट्रेन के चलने के समय से कम से कम 4 घंटे पहले तैयार किया जाएगा और दूसरे चार्ट को निर्धारित प्रस्थान समय से कम से कम 2 घंटे पहले तैयार किया जाएगा. अभी तक दूसरा चार्ट 30 मिनट पहले तैयार किया जाता था. पहले और दूसरे चार्ट की तैयारी के बीच केवल ऑनलाइन टिकट बुकिंग की अनुमति होगी. इन ट्रेनों में कोई भी तत्काल और प्रीमियम तत्काल बुकिंग की अनुमति नहीं दी जाएगी. यात्रा के दौरान किसी भी यात्री को कोई अनारक्षित (यूटीएस) टिकट जारी नहीं किया जाएगा और न ही कोई अन्य टिकट जारी किया जाएगा. यानी टिकट चेक करने वाले अधिकारी को यात्रा के दौरान टिकट देने का अधिकार नहीं होगा.
8. केवल कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों को ही रेलवे स्टेशन में प्रवेश करने की अनुमति होगी. यात्री स्टेशन और ट्रेनों दोनों पर सामाजिक दूरी का ख्याल रखेंगे.
9. इन ट्रेनों के लिए टिकट की बुकिंग 21 मई से शुरू हो चुकी है.
10. इनमें जनरल कोच भी होंगे और इनमें सफर करने के लिए भी रिजर्वेशन की जरूरत होगी. बिना कन्फर्म टिकट जनरल कोच में यात्री यात्रा नहीं कर सकेंगें. RAC और वेटिंग टिकट मौजूदा नियमों के अनुसार ही दिया जाएगा, हालांकि वेटिंग टिकट वाले व्यक्ति को ट्रेन में चढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी.